भिंडरावाले, बुरहानवानी… अब पाकिस्तान ISI का नया प्यादा है अमृतपाल सिंह

भिंडरावाले, बुरहानवानी… अब पाकिस्तान ISI का नया प्यादा है अमृतपाल सिंह

पंजाब में अमृतपाल सिंह का आना बड़ा खतरा बन सकता है. यह चेतावनी सेंट्रल एजेंसियां उसके भारत आगमन के पहले दिन से पंजाब पुलिस को दे रही है. हालात ये हैं कि अब वह एक 'प्राइवेट आर्मी' तैयार कर रहा है, जहां अब उसकी सुरक्षा में 20-25 बंदूकधारी लगे हैं.

दिल्ली: पंजाब में एक बार फिर हालात बिगड़ रहे हैं. खालिस्तान की एक बार और उठ रही मांग और अमृतपाल सिंह का उदय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी गलती साबित हो सकती है. इस बीच इंटेलिजेंस एजेंसियों का मानना है कि अमृतपाल के पीछे पाकिस्तान के आईएसआई का हाथ है, जो पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में है. अधिकारी बताते हैं कि केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसियां अमृतपाल को संभावित खतरे के रूप में देखती है और उसके भारत आने के पहले दिन से ही एजेंसियों ने यह चेतावनी दी. एजेंसियां उसे भिंडरावाले और बुरहानवानी जैसा मानती है, जिसका भारत में अशांति फैलाने के लिए आईएसआई ने प्यादे के रूप में इस्तेमाल किया.

अमृतपाल सिंह का माना जाता है कि बड़ा ग्लोबल नेटवर्क है. वह पहला शख्स नहीं है जो खालिस्तान के सपने देख रहा है. भिंडरावाले के मारे जाने के बाद खालिस्तान का माना जा रहा था कि नाम-ओ निशान मिट गया, लेकिन कनाडा सहित अन्य देशों में इसके समर्थक अभी भी बैठे हैं. अमृतपाल दुबई से अगस्त 2022 में भारत लौटा था. इससे पहले वह अमेरिका और कनाडा में भी रह चुका है. भारत आने के महीनेभर बाद ही उसने एक्टर दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए कथित सोशल संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ को हाईजैक कर लिया और फिर खालिस्तान की चर्चा को हवा दी.

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अपनी सुरक्षा में लगाए 20-25 बंदूकधारी

अमृतपाल की मंशा को देखते हुए इंटेलिजेंस एजेंसियां पंजाब पुलिस के साथ लगातार कॉन्टेक्ट में थी और चेतावनी दे रही थी. एजेंसियों ने पंजाब पुलिस के साथ नियमित रूप से अपडेट साझा किया और चेतावनी दी कि अमृतपाल की चरमपंथी सिखों के बीच बढ़ती लोकप्रीयता समस्या पैदा कर सकता है. हैरानी की बात ये है कि अमृतपाल अपनी सुरक्षा भी बढ़ा रहा है और अब उसकी सुरक्षा में 4-5 नहीं, बल्की 20-25 बंदूकधारी देखे जा सकते हैं.

हथियारों की अबतक नहीं की गई जांच

अमृतपाल की ‘प्राइवेट आर्मी’ जाहिर तौर पर उसकी खास सुकक्षा के लिए हैं. हालांकि, यह भी आरोप लगाया जाता है कि कट्टरपंथी चरमपंथियों का एक बजाब्ता एक समूह है, जो सिख शुद्धवाद को बनाए रखने के नाम पर आम लोगों को धमकाते हैं और गुरुद्वारों में कथित रूप से तोड़फोड़ करते हैं. मीडिया रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से बताया गया है कि अमृतपाल के बंदूकधारी समर्थकों ने शुरू में सिर्फ लाइसेंसी हथियार रखने का दावा किया था, लेकिन पंजाब पुलिस के किसी भी अधिकारी ने इन हथियारों की जांच नहीं की है.

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भिंडरावाले, बुरहानवानी और अब अमृतपाल

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेलिजेंस एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान के आईएसआई ने खालिस्तान का ऑनलाइन खूब प्रचार किया है. पाकिस्तान में बैठे उसके आकाओं द्वारा पंजाब में कई टार्गेट किलिंग को अंजाम दिया. किसान आंदोलन की वजह से आईएसआई को पंजाब में गुप्त कट्टरपंथ को बाहर लाने में मदद की. पाकिस्तान आईएसआई ने बुरहानवानी जैसे नेता को तैयार किया. अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान आईएसआई भिंडरावाले के मारे जाने के बाद भी खालिस्तान के पॉट को उबलते रखने की हमेशा कोशिश की है.