प्रशांत किशोर का विवादित बयान, कहा- बिहार ने 2019 में ‘मरे हुए लोगों को’ मोदी के नाम पर सांसद बना दिया

प्रशांत किशोर का विवादित बयान, कहा- बिहार ने 2019 में ‘मरे हुए लोगों को’ मोदी के नाम पर सांसद बना दिया

प्रशांत किशोर ने कहा है कि पिछले 9 सालों में क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए एक भी बैठक की है. अगर उन्होंने कोई बैठक की है तो प्रमाण दें. अगर कोई इसका प्रमाण देता है तो वह नरेंद्र मोदी का झंडा उठाने के लिए तैयार हैं.

पटना: चुनावी रणनीतिकार से नेता बनने की कवायद में लगे प्रशात किशोर ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि बिहार की जनता ने मोदी के नाम पर 40 में 39 मरे हुए लोगों को सांसद बना दिया. प्रशात किशोर ने कहा- 2014 में पीएम मोदी के लिए मैं पूरे देश में प्रचार प्रसार कर रहा था. तब पीएम मोदी को बिहार के हर घर से वोट मिला था. पीके ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पीएम मोदी के समर्थक हैं उन्हें बताना चाहूंगा कि पीएम मोदी जो 9 साल से देश के प्रधानमंत्री हैं. उनके पीएम बनने से बिहार को कोई फायदा हुआ या नहीं? बिहार में कल कारखाने लगे और कितने लोगों रोजगार मिला? इन सभी बातों को छोड़ दीजिए.

पीके ने कहा कि मेरा सवाल ये है कि पिछले 9 सालों में क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए एक भी बैठक किया. अगर उन्होंने कोई बैठक किया है तो प्रमाण दीजिए. पीके ने कहा कि अगर कोई इसका प्रमाण देता है तो वह नरेंद्र मोदी का झंडा ढोने के लिए तैयार हैं.

’40 में 39 सीटों पर मरे हुए लोगों को जिताया’

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता ने जिस नरेंद्र मोदी के नाम पर बिहार की 40 में 39 सीटों पर मरे हुए लोगों को चुनाव जिता दिया, सांसद बना दिया उस बिहार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक भी बैठक नहीं की. पीके ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि ऊपर देखकर सभी सांसदों को जिता दिया. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उपर देखकर वोट कीजिएगा तो जमीन पर कोई काम नहीं होगा. प्रशांत किशोर जनसुराज अभियान यात्रा पर थे. लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने यात्रा समस्तीपुर में रोक दिया है. इसके बाद वह बयान जारी कर अपनी बातें कह रहे हैं.

‘नीतीश का होगा नायडू वाला हाल’

इससे पहले उन्होंने कहा था कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार का वही हाल होगा जो चन्द्रबाबू नायडू का हुआ था. पीके ने कहा कि पांच साल पहले नायडू की आंध्रप्रदेश में बहुमत वाली सरकार थी. नीतीश कुमार के तो बस 42 विधायक हैं और वह लंगड़ी सरकार चला रहे हैं. चन्द्रबाबू नायडू भी विपक्ष को एक करने निकले थे. विपक्षी एकता की मुहिम तो कामयाब नहीं हुई. उल्टे उनकी राजनीतिक जमीन जरूर छिन गई. पीके ने कहा लिखकर रख लीजिए नीतीश कुमार का वही हश्र होगा. इसके साथ ही उन्होंने आरजेडी पर तंज करते हुए कहा- जिस पार्टी के एक सांसद नहीं हैं वह पीएम बनाने की बात कर रही है.

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