तेवर नरम करने को तैयार उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश कुमार के सामने रखी ये बड़ी शर्त

तेवर नरम करने को तैयार उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश कुमार के सामने रखी ये बड़ी शर्त

साल 2021 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करके जेडीयू में लौटे कुशवाहा ने दावा किया कि उन्हें पार्टी के नेतृत्व का दावेदार बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा अपना विद्रोह वापस लेने की बात पर राजी हो गए हैं. लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है. दरअसल उनको तेजस्वी यादव के सीएम चेहरा बनाए जाने पर आपत्ति है. उनका कहना है कि पार्टी को तेजस्वी यादव के बजाय 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के चेहरे के रूप में जेडीयू के ही किसी चेहरे को पेश करना चाहिए.उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को कमान सौंपने की संभावना से इनकार करते हैं तो वह अपना विद्रोह छोड़ देंगे.

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि अगर जेडीयू नेतृत्व लव-कुश समाज (कुर्मी और कोइरी) में से कोई भी करता है, तो वह खुशी-खुशी एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे.उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के लोग कहते रहते हैं कि महागठबंधन के गठन के समय एक डील हुई थी, जिससे जेडीयू के भीतर उथल-पुथल मच गई है. कुशवाहा ने कहा कि केवल मुख्यमंत्री ही यह घोषणा करके अफवाहों पर विराम लगा सकते हैं कि वह तेजस्वी को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नेता के रूप में समर्थन नहीं दे रहे हैं.

यही हाल रहा तो पार्टी डूब जाएगी-कुशवाहा

साल 2021 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करके जेडीयू में लौटे कुशवाहा ने दावा किया कि उन्हें पार्टी के नेतृत्व का दावेदार बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है.कुशवाहा ने कहा कि अगर मौजूदा स्थिति जारी रहती है तो यह पार्टी डूब जाएगी. नीतीश कुमार ने बिहार को अंधेरे युग से बाहर निकाला था, उनकी विरासत पर बादल छाए हुए हैं. इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि वह बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. कुशवाहा ने जवाब दिया कि इससे क्या फर्क पड़ता है कि बीजेपी या मुस्लिम लीग मेरे पीछे है.उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश, जो अब 70 के दशक में हैं, खुद निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं. वह अपने दो-तीन करीबी लोगों की बातों पर चलते हैं.

उपेंद्र कुशवाहा किसको दिल दे बैठे-RJD

जब कुशवाहा से स्पष्ट रूप से पूछा गया कि वह किसके बारे में बात कर रहे हैं तो उन्होंने किसी का भी नाम लेने से इनकार कर दिया. इस बीच आरजेडी ने अपने तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए कुशवाहा की आलोचना की.आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हां, पिछले साल जब नीतीश जी हमारे साथ आए थे तो एक समझौता हुआ था.यह समझौता केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा संविधान पर किए जा रहे हमले के खिलाफ लड़ने के लिए था.लेकिन, कुशवाहा को खुलासा करना चाहिए कि वह इन दिनों किनको दिल दे बैठे हैं. क्या वह अभी भी समाजवादी हैं या उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों के साथ समझौता कर लिया है. प्रवक्ता ने कहा कि किसी को नेता घोषित करने का कोई फायदा नहीं है. नेता लोगों के आशीर्वाद से अपना पद अर्जित करते हैं.

इनपुट-भाषा के साथ