बंटेंगे तो कटेंगे, बांग्लादेश देख रहे हो ना… योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

बंटेंगे तो कटेंगे, बांग्लादेश देख रहे हो ना… योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदुओं से बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा है कि हम सबको एक रहना चाहिए, अगर बंटेंगे तो कटेंगे. सीएम योगी ने बांग्लादेश के हालातों से सीख लेने की बात की. उन्होंने ये बयान जन्माष्टमी के मौके पर आगरा में एक कार्यक्रम में दिया.

आज यानी 26 अगस्त को पूरा देश जन्माष्टमी का त्योहार मना रहा है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा पहुंचे और यहां एक बड़ा बयान दिया. हिंदुओं से उन्होंने कहा कि हम सबको एक रहना होगा. अगर बंटेंगे तो कटेंगे. उन्होंने बांग्लादेश में हाल में बिगड़े हालातों से सीख लेने की बात की. सीएम योगी ने यहां लोगों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष को दुनिया की हर चीज दिखाई देती है, लेकिन पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार नहीं दिखाई देता.

सीएम योगी ने कहा कि आगरा के कण कण में कन्हैया का वास है. यहां कला है, आस्था है, समर्पण है और विश्वास है. ये ही राष्ट्र निष्ठा बढ़ाती है. हमें समाज, जाति, भाषा के नाम पर बांटने वाली ताकतों से सावधान रहना होगा. दुर्गादास राठौड़ का यही संकल्प था. सबसे बड़ी सत्ता के सामने जमींदारों के लिए घुटने टेक दिए थे. उनका कोई नाम लेने वाला नहीं है दुर्गादास का नाम मारवाड़, एमपी में अमर है. हमें महापुरुषों का नाम याद रखना होगा. योगी ने कहा कि बांग्लादेश से सबक सीखिए, एक रहना है बंटना नहीं है. बटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे.

इसके बाद वो मथुरा भी पहुंचे और लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हुई हिंसा का भी जिक्र किया. सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आपने देखा होगा कि बांग्लादेश की घटना पर इन सबके मुंह बंद हैं क्योंकि उन्हें भय है कि अगर वह बोलेंगे तो उनके वोट बैंक खिसकते दिखाई देंगे. उनके पैरों की जमीन जिस पर वह खड़े हैं वह अंगारे उन्हें ही जलाते दिखाई देंगे. इसलिए वह मौन हैं और इस पर बोल नहीं सकते.

बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा था

सीएम योगी ने आगे कहा कि हमारी विरासत का संरक्षण होना चाहिए. हम सभी को याद करना होगा कि 1947 से पहले बांग्लादेश भी भारत का ही हिस्सा था. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए हमारे सैनिकों ने भी बलिदान दिया था और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. पाकिस्तान के 95 हजार से ज्यादा सैनिकों को भारत के बहादुर जवानों के सामने आत्मसमर्पण करने पर मजबूर होना पड़ा था. उन्होंने इसे विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य जीत बताया.