बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 32 हजार में शूटरों ने खरीदी थी बाइक, हुआ एक्सीडेंट तो ऑटो से आकर बाबा को मारी गोलियां

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 32 हजार में शूटरों ने खरीदी थी बाइक, हुआ एक्सीडेंट तो ऑटो से आकर बाबा को मारी गोलियां

बाबा सिद्दीकी शूट आउट केस में लगातार चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इसको लेकर एक थ्योरी सामने आई है. क्राइम ब्रांच को बाइक खरीदने की रसीद भी मिली है. शूटर्स बाइक से ही घटना को अंजाम देने की फिराक में थें, लेकिन रेकी के दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया, जिसके कारण वो मौके को न गंवाने के लिए ऑटो से आए और बाबा सिद्दीकी पर ताबड़तोड़ गोलिया दाग दी.

बाबा सिद्दीकी शूट आउट केस में लगातार चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, लेकिन फरार दो आरोपियों को पकड़ने में पुलिस अभी तक नाकाम रही है. क्राइम ब्रांच अब सिद्दीकी शूट आउट मामले के फरार आरोपी शुभम लोंकर और शिवकुमार को लेकर लुक आउट नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है. जिससे देश की किसी भी कोने में आरोपी हो तो उन्हे पकड़ा जल्द से जल्द पकड़ा जा सके. फिलहाल क्राइम ब्रांच केस के सभी तार जोड़ रही है और पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है कि आखिर उस दिन कैसे शूटरों ने बाबा पर गोलियां दाग दी. इसको लेकर एक थ्योरी सामने आई है.

क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि शुभम लोंकर के गिरफ्तार भाई प्रवीण लोंकर ने दूसरे गिरफ्तार आरोपी हरीश निषाद के खाते में 60 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे, जिससे एक सेकंड हैंड बाइक 32 हजार में खरीदी गई थी. प्रवीण की गिरफ्तारी का सबसे बड़ा सबूत भी यही था की वो इस साजिश में सीधे शामिल था.

बाइक खरीदने की मिली रसीद

इस मामले की पक्की पुष्टि ऐसे हो गई कि क्राइम ब्रांच को बाइक खरीदने की रसीद भी मिली है. बाइक होने के बावजूद शूटर ऑटो से इसलिए आए थें, क्योंकि रेकी के दरम्यान उनका एक्सीडेंट हो गया था. इसलिए वो दशहरे के दिन मिले मौके को न छोड़ते हुए ऑटो से गोली मारने के लिए आए थें.

इतना ही नहीं क्राइम ब्रांच को मंगलवार को घटनास्थल पर सर्च के दौरान जो बैग मिला था वो बैग शिवकुमार का था. उसमें वही पिस्टल था जिससे बाबा सिद्दीकी पर गोलियां चलाई गई थीं. ये पिस्टल तुर्किश मेड पिस्टल है और ये शिवकुमार का था. क्राइम ब्रांच के मुताबिक गुरमेल ने भी एक राउंड फायर किया था. हालांकि, उसने ऑस्ट्रेलिया की ग्लॉक पिस्टल से फायर किया था, जो जब्त भी की जा चुकी है.

क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक उन्होंने घर से लेकर दफ्तर तक दर्जनों बार रेकी की, लेकिन उन्हें कोई मौका नहीं मिल रहा था. ऐसे में त्योहार के दिन हाईवे के बगल में उन्होंने सही जगह समझी, क्योंकि वहां से आरोपियों के लिए भागना भी आसान हो सकता था. घटना के पहले हरीश निषाद स्क्रैप डीलर भी मुंबई में था, लेकिन शूट आउट करने के पहले वो पुणे भाग गया.

बैग में रखी थी एक्सट्रा शर्ट

शुभम लोंकर भी पुणे में ही था इस वक्त शुभम लोंकर फरार है जो की मुख्य आरोपी है. उसने ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लॉरेंस के नाम पर जिम्मेदारी ली थी. वही फरार आरोपी शिवकुमार के फुट प्रिंट के कुछ सबूत सीसीटीवी से क्राइम ब्रांच के हाथ लगे हैं. हालांकि वो कहा है इसकी तलाश की जा रही है.

वहीं आरोपियों ने अपने पास मौजुद बैग में सबने एक्स्ट्रा शर्ट रखी थी ताकि शूट आउट के बाद वो आसानी से भाग सके और थोड़ी दूर के बाद कपड़े बदलकर शहर छोड़ दे ताकि उनकी पहचान न की जा सके. क्राइम ब्रांच का कहना है की पुणे और उत्तर भारत के मॉड्यूल पर जांच पड़ताल की जा रही है.

ये भी पढ़ें- जया प्रदा को रामपुर की MP-MLA कोर्ट से मिली बड़ी राहत, आचार संहिता उल्लंघन मामले में हुईं बरी