UP: गाजी के बाद अब लक्कड़ शाह बाबा, मजार पर नहीं लगेगा मेला; 16वीं सदी की परंपरा रुकी

कतरनियाघाट के बीहड़ जंगलों में स्थित सैय्यद शाह हुसैन (लक्कड़ शाह) की मजार पर लगने वाला वार्षिक उर्स वन विभाग ने रद्द कर दिया है. कोर जोन में अतिक्रमण होने का हवाला देते हुए यह फैसला लिया गया है.
गाजी की दरगाह पर लगने वाले मेले पर रोक लगाए जाने के बाद अब कतर्नियाघाट के बीहड़ जंगलों के बीच बने सैय्यद शाह हुसैन उर्फ लक्कड़ शाह की मजार पर आज लगने वाला सालाना उर्स पर भी रोक लगा दी गई. इस मेले पर वन विभाग की तरफ से रोक लगाई गई है. वन विभाग के इस फरमान के बाद लक्कड़ शाह के मजार के पास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, मुर्तिहा थाना क्षेत्र में जंगल के बीच बने लक्कड़ शाह के मजार पर हर वर्ष बहुत बड़ा उर्स लगता था, जहां हजारों की संख्या में जायरीन मेला में पहुंचते थे लेकिन इस बार कोर जोन का हवाला देते हुए वन विभाग ने मेला लगने की अनुमति नहीं दी है. जिसकी वजह से जायरीनों में बेहद आक्रोश है. हालांकि डीएफओ का कहना है कि ये एक अतिक्रमण है जो सेंचुरी एरिया यानी कोर जोन में पड़ता है. इस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है. मेले पर रोक लगाए जाने के बाद जियारत करने पहुंचे जायरीनों में बेहद नाराजगी देखी गई.
16 सदी से मनाया जा रहा था उर्स
मेला परिसर में सुरक्षा की दृष्टिकोण से सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. हालांकि इससे पहले इस मेले को पूर उत्साह के साथ मनाया जाता था. लोगों भारी संख्या में पहुंचे थे. खान-पान की दुकानें और अन्य दुकानें में उर्स के दौरान लगती थी. वहीं मेले की परमीशन नहीं मिलने के बाद से लोगों में भारी गुस्सा है. मजार पर 16वीं सदी से उर्स मनाया जा रहा था.
वन विभाग ने लगाई रोक
लोगों ने कहा कि लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर सैकड़ों साल से उर्स होता आ रहा है. लेकिन इस बार परमीशन नहीं मिले की वजह से कमेटी ने मेला नहीं लगाने का फैसला लिया है. वहीं वन विभाग के फैसले और उर्स नहीं होने से लोगों में गुस्सा है. हालांकि मजार पर लोगों का जाना आना जा जारी है. मजार के पास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.