जवाब देते नहीं बनता… जब बीजेपी की मीटिंग में उठ गया अग्निवीर का मुद्दा, जानिए फिर क्या-क्या हुआ
लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद केंद्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष दो दिनों से लखनऊ में डटे थे. लखनऊ में संतोष ने अलग-अलग बैठकों के जरिए यह जानने का प्रयास किया कि आखिर यूपी में बीजेपी को इतना बड़ा नुकसान क्यों उठाना पड़ा? इसके लिए उन्होंने पार्टी के दलित नेताओं और मंत्रियों के साथ भी बैठक की. इसके बाद पार्टी के प्रवक्ताओं के साथ भी मीटिंग की.
लोकसभा चुनाव में यूपी में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब मंथन का दौर शुरू हो गया है. रविवार को संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ में पार्टी के प्रवक्ताओं के साथ भी बैठक की. इस बैठक में चुनाव के प्रदर्शन को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि बीजेपी के एक प्रवक्ता ने अग्निवीर का मुद्दा उठा दिया. प्रवक्ता ने कहा कि अग्निवीर पर हमें जवाब देते नहीं बनता है. ये मुद्दा हमारे लिए गले की फांस बन गया है. डिबेट का टॉपिक अग्निवीर होने पर तो मैं दो-तीन बार बहाना बनाकर मना कर चुका हूं. हैरानी तो तब हो गई जब प्रवक्ता ने इस योजना को बंद करने की मांग कर दी.
बीजेपी के एक प्रवक्ता ने मीटिंग में ये बात कही तो हॉल में सन्नाटा पसर गया. सभी नेता एक-दूसरे की तरफ देखने लगे. किसी की समझ में कुछ नहीं आ रहा था. दूसरी ओर केंद्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष डायरी में कुछ नोट करते रहे. यूपी बीजेपी के प्रवक्ताओं की ये मीटिंग घंटे भर चली. बी एल संतोष ने ही ये बैठक बुलाई थी. दो दिनों के लखनऊ दौरे में ये उनकी आखिरी बैठक थी.
आगे के एजेंडे पर बात करना चाहते थे बीएल संतोष
बीजेपी के सभी प्रवक्ताओं को बुलाकर बीएल संतोष आगे के एजेंडा पर बात करना चाहते थे, पर कई प्रवक्ता लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर पोस्टमार्टम करने लगे. सांसद रहे एक प्रवक्ता ने दलितों का बीजेपी से किनारा करने का मुद्दा छेड़ दिया. उन्होंने कहा कि मायावती को छोड़कर दलितों के एक बड़े तबके ने बीजेपी का साथ दिया था. 2014 और 2019 के चुनाव में इनका वोट मिला. पिछले दोनों विधानसभा चुनावों में भी दलित समाज ने वोट किया, लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ कि हमें वोट नहीं मिला.
ये कहने वाले प्रवक्ता कभी मायावती के करीबी नेता थे. बीएसपी में राज्य सभा सांसद रहे, लेकिन अब वे पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता है. उन्होंने कहा दलितों को लग रहा है कि उनकी अनदेखी हो रही है. दलितों का मुंह मोड़ना पार्टी के लिए घातक हो सकता है. फिर उन्हें समझाया गया कि इस बैठक में प्रवक्ता अपना काम और बेहतर कैसे करें, इस पर बात होनी चाहिए.
सरकार के कामकाज को बेहतर तरीके से पेश करने पर जोर
बीजेपी प्रवक्ताओं के साथ बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सरकार के कामकाज को बेहतर तरीके से कैसे पेश करें, इस बात पर भी मंथन हुआ कि विपक्ष के नैरेटिव का मुकाबला कैसे करें? सभी प्रवक्ताओं ने माना कि संविधान और आरक्षण खत्म करने के प्रोपेगेंडा का जवाब वे नहीं दे पाए. इसी दौरान पार्टी के प्रवक्ता आलोक वर्मा ने यूथ की समस्याओं का मुद्दा उठा दिया.
बेरोजगारी का मुद्दा भी उठा
उन्होंने कहा कि नौजवान धीरे-धीरे हमारे खिलाफ हो रहे हैं. बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. हमें सरकारी नौकरी और रोजगार पर कुछ करना पड़ेगा. बी एल संतोष सभी प्रवक्ताओं की बात को नोट करते रहे. इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे.