बिजनौर की चीनी हुई हाईटेक, अब दुनियाभर में पहुंचेगी इसकी मिठास
भारत में सबसे ज्यादा चीनी का प्रोडक्शन उत्तर प्रदेश में होता है. यहां की चीनी मिलें रोजाना करोड़ों कुंतल गन्ने की पेराई कर चीनी बनाती हैं.
दुनिया भर में भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इसके साथ ही यह विश्व का दूसरे नंबर का चीनी निर्यातक देश भी है. भारत में सबसे ज्यादा चीनी का प्रोडक्शन उत्तर प्रदेश में होता है. यहां की लगभग 135 चीनी मिलें रोजाना करोड़ों कुंतल गन्ने की पेराई कर चीनी का निर्माण करती हैं. देश में सबसे ज्यादा गन्ने की खेती करने वाले उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सर्वाधिक 9 चीनी मिले हैं, जहां प्रत्येक दिन लाखों कुंटल गन्ने की पराई करके रोजाना 1 लाख बोरी चीनी तैयार की जाती है. यानि पचास हजार कुंटल चीनी रोजाना बिजनौर जनपद की चीनी मिलें बनाती हैं, जिनको एक किलो से लेकर पचास किलो की पैकिंग करा कर देश और दुनिया के करीब पचास से अधिक देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है.
क्या आपको जानकारी है कि दानेदार,चमकीली और सफेद मुंह में मिठास घोलने वाली बिजनौर की चीनी का भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर के डिजिटलीकरण किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. नीदरलैंड के मैरीके डी रूएटर डी वाइल्ड द्वारा स्थापित विश्व प्रसिद्ध ओएफसी ( ओपन फूड चैन) नेब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा बिजनौर में चीनी उद्योग में संभावनाएं तलाशने का कार्य शुरू कर दिया है. इसी के तहत ओएफसी इंडिया के आदित्य गोयल और एश्वर्य चौधरी को कम्पनी ने नीदरलैंड सरकार के प्रतिनिधी के तौर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट में तीन दिवसीय प्रोग्राम में शिरकत करने के लिए भेजा है.
आपूर्ति को सुगम और आसान बनाया जा सकेगा
कम्पनी द्वारा शुगर के क्षेत्र में ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने से चीनी उपयोग करने वाले ग्लोबल कंज्यूमर्स को चीनी के बारे में क्यू आर कोड के माध्यम से एक ही क्लिक में सभी सही जानकारी हासिल हो सकेगी. ओएफसी इंडिया के फाउंडर ऐश्वर्य चोधरी बताते हैं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक ड्रिस्टीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी DLT का ही एक रूप है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर जो भी ट्रांजेक्शन होता है, वह चेन में जुड़े हर एक कंप्यूटर पर दिखाई देता है. या कहें कि ये डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करता है जो उत्पादन से लेकर उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को कृषि खाद्य श्रंखलाओं का डिजिटलीकरण और मानकीकरण करता है. जिससे दुनियाभर में खाद्य समग्री की आपूर्ति को सुगम और आसान बनाया जा सकेगा.
उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश में परिवर्तित कर सकता है
जैसे कि चीनी बिजनौर की किस शुगर मिल द्वारा निर्मित है. चीनी बनाने में प्रयुक्त गन्ना किस वैरायटी और किस क्षेत्र का है. चीनी बनाने में सल्फर, कैल्शियम आदि कैमिकल्स की कितनी मात्रा प्रयोग की गयी है. इसका किस- किस रूप में कितनी मात्रा में प्रयोग कर सकते हैं. नीदरलैंड में ही मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद से ही वहीं सर्विस कर रहे ऐश्वर्य चौधरी मूलत: बिजनौर के ही निवासी हैं. ऐश्वर्य चौधरी के मुताबिक, खेती और प्रगति का हाथ में हाथ होना जरूरी है. यही एक ऐसी राह है जो उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश में परिवर्तित कर सकता है.
लक्ष्मी नारायण चौधरी ने किया स्वागत
ऐश्वर्य चौधरी ने बताया कि लखनऊ सम्मिट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गन्ना एंव चीनी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से टेक्नोलॉजी के माध्यम से बिजनौर की चीनी को दुनियाभर में पहुंचाने की योजना पर विस्तार से चर्चा की गयी थी. साथ ही अनेको शुगर्स मैन्यूफैक्चरर्स इंड्र्स्ट्र्लिस्ट्स ने भी ओएफसी इंडिया के स्टार्टअप पर प्रसन्नत जाहिर करते हुए स्वागत किया था.