सपा विधायक नसीर खान को कोर्ट ने भेजा समन, जानें क्या है पूरा मामला

सपा विधायक नसीर खान को कोर्ट ने भेजा समन, जानें क्या है पूरा मामला

रामपुर न्यूज: आजम खान के जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने सख्त रूख अख्तियार किया है. इस मामले में हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने सपा विधायक नसीर अहमद खान को नोटिस जारी किया है.

रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी मामले में सपा विधायक नसीर अहमद लगातार कई तारीख से हाजिर नहीं हो रहे हैं. इस मामले में कोर्ट नाराजगी जताते हुए विधायक नसीर खान समेत अन्य लोगों को समन जारी किया है. मामला जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति को सम्मिलित करने का है. मामले की सुनवाई रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में हो रही है. अदालत में यह मामला ट्रॉयल पर है. इस मामले में आज़म खान समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

पुलिस के मुताबिक मामले की सुनवाई के दौरान सपा विधायक नसीर अहमद खान समेत कई आरोपी तारीख पर हाजिर नहीं हो रहे हैं. इसकी वजह से न्यायिक कार्रवाई बाधित हो रही है. इस बात से नाराज एमपी एमएलए कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के चमरव्वा विधायक नसीर अहमद खान, आज़म खान की बहन निगहत अखलाक, आज़म खान के बड़े बेटे अदीब आजम खान, ज़िला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम क़ासिम सहित अन्य लोगों के विरुद्ध समन जारी किया है.

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यह है मामला

पुलिस के मुताबिक समाजवादी पार्टी के शासन काल में बन रही आज़म खान की जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति को वक्फ संपत्ति में हस्तांतरित कर दिया गया और फिर बाद में इस संपत्ति को यूनिवर्सिटी की एरिया में सम्मिलित कर लिया गया था. सपा की सरकार जाने के बाद इस संबंध सन 2019 में केस दर्ज कराया गया. अजीमनगर थाने में दर्ज इस मुकदमे में आजम खान को मुख्य आरोपी बनाया गया था. वहीं अन्य 15 लोगों को आरोपी बनाया गया.

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सीजेएम कोर्ट में हो रही सुनवाई

मामले की सुनवाई रामपुर की सीजेएम / एमपी एमएलए कोर्ट चल रही है. आरोप है कि इस सुनवाई के दौरान विधायक नसीर अहमद खान कोर्ट में हाज़िर नहीं हो रहे थे. ऐसे में कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि चार मार्च तय करते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट से एक साल में मामला निपटाने के आदेश

अभियोजन पक्ष के वकील अमनाथ तिवारी ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 312/19 थाना अजीमनगर थाने का है. जिसमे शत्रु संपत्ति को वक्फ भूमि दर्शाते हुए मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किया गया था. इस संबंध में 16 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. उच्च न्यायालय ने इस मामले को एक साल के अंदर निस्तारित करने के आदेश दिए हैं. चूंकि मामले की सुनवाई के दौरान कुछ अभियुक्त कोर्ट में नहीं आ रहे है, इसलिए सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में कोर्ट ने अब सख्ती शुरू कर दी है.