कैसे पढ़ेंगे बच्चे! स्कूल में प्रिंसिपल लगा रही झाड़ू, बोली-चपरासी तक नहीं

कैसे पढ़ेंगे बच्चे! स्कूल में प्रिंसिपल लगा रही झाड़ू, बोली-चपरासी तक नहीं

शाजापुर में टीचर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मैं स्कूल की प्रिंसिपल हूं और यहां पर चपरासी नहीं होने से मुझको ही स्कूल की साफ सफाई करनी पड़ती है. या सोचने वाली बात है कि बड़े-बड़े वादे तो किए जा रहे हैं. लेकिन स्थिति इस प्रकार क्यों हो रही है.

शाजापुर- मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में स्कूलों की हालत गंभीर दिखाई दे रही है. जहां TV9 भारतवर्ष की टीम जब स्कूलों पहुंची तो स्थिति कुछ इस प्रकार दिखाई दी कि पूरे स्कूल में एक ही टीचर था, जिससे बच्चों और टीचर को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल प्रिंसिपल से जब TV9 भारतवर्ष की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि पूरे स्कूल में एक मात्र में ही सिर्फ एक टीचर है, जो की स्कूल की प्राचार्य हूं. उन्होंने बताया कि अकेले होने के कारण मुझको बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्राचार्य ने यह तक कहा कि प्राचार्य होने के बावजूद भी स्कूल की झाड़ू तक मुझको लगाना पड़ रही है.

दरअसल, ये मामला शाजापुर जिले के पास खोरिया एमा गांव का है. वहीं, स्कूल की प्राचार्य का कहना है कि स्कूल में झाड़ू लगाने के लिए कोई चपरासी नहीं है. वहीं, उन्होंने बताया कि जो मेरे अलावा स्कूल में 3 गेस्ट टीचर है. सोचने वाली बात है कि एक तरफ शिवराज सरकार बच्चों के शिक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करते हुए और दूसरी ओर सरकारी स्कूलों की हालत धरातल पर कुछ इस तरह नजर आ रही है.

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चपरासी ना होने पर प्रिंसिपल लगा रही झाड़ू

वहीं,राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के गृह क्षेत्र में शिक्षकों की ऐसी हालत देखकर आप दंग रह जाएंगे. इस दौरान जब टीचर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मैं स्कूल की प्रिंसिपल हूं और यहां पर चपरासी नहीं होने से मुझको ही स्कूल की साफ सफाई करनी पड़ती है. या सोचने वाली बात है कि बड़े-बड़े वादे तो किए जा रहे हैं. लेकिन स्थिति इस प्रकार क्यों हो रही है.

एक तरफ शिवराज सरकार स्कूलों में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, और दूसरी ओर स्थिति कुछ इस तरह दिखाई दे रही है. करोड़ों रुपए सरकार शिक्षा के ऊपर खर्च सिर्फ कागजों में ही कर रही है. बाकी धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है.

स्कूल में बच्चों को लगानी पड़ रही झाड़ू

बता दें कि, पिछले दिनों ऐसा ही एक मामला शाजापुर जिले में एक सरकारी स्कूल का है. जहां स्कूल में एक चपरासी नहीं होने से बच्चों को इन सब समस्याओं का सामना करना पड़ा है. वहीं, स्कूल प्राचार्य ने बताया था कि स्कूल में चपरासी नहीं होने से हमें दिक्कत आ रही है. जब प्रिंसिपल से पूछा गया कि बच्चे स्कूल की झाड़ू लगा रहे हैं तो उनका कहना था कि बच्चे उनकी कक्षा की झाड़ू लगा रहे होंगे मैं आज छुट्टी पर हूं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे स्कूल में चपरासी नहीं होने बच्चे झाड़ू लगा रहे हैं.

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