राजा जयचंद के माथे से मिटेगा गद्दारी का दाग! कन्नौज के लोग बोले-सबूत दो और 5 लाख ले जाओ
कन्नौज में एक समिति बनी हुई है कान्यकुब्ज समिति उसने कई बार खुला चैलेंज किया है कि अगर कोई भी व्यक्ति राजा जयचंद को गद्दार साबित कर देगा तो वह समिति उसको 5 लाख का नगद इनाम देगी.
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में सम्राट जयचंद्र पर लगे गद्दारी के दाग धोने के लिए यहां के इतिहास प्रेमियों ने एक मुहिम शुरू की है. यहां के विद्वानों ने भारत सरकार से राजा जयचंद्र के इतिहास का पुनर्मूल्यांकन करने की मांग की है. इतिहास प्रेमियों की समिति ने जयचंद्र की गद्दारी का सबूत देने वाले को 5 लाख रुपए ईनाम देने का भी ऐलान किया है. बता दें कि, राजा जयचंद्र ने 11वीं शताब्दी में कन्नौज की राजगद्दी संभाली थी. उन्हें यहां की सत्ता अपने पिता विजय चन्द्र से विरासत में मिली थी.
दरअसल, मौजूदा वक्त में कन्नौज में राजा जयचंद्र के किले के अवशेष एक टीले के रूप में दिखते है, जिसे पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले रखा है. चूंकि, राजा जयचंद्र का नाम पृथ्वीराज रासो नामक किताब में एक गद्दार के तौर पर लिखा है. जो यहां के विद्वानों को काफी चुभता है. यहां के विद्वानों का कहना है कि जिस पृथ्वीराज ने राजा जयचंद्र को धोखा देकर उसकी बेटी संयोगिता को हासिल किया तो उसके साथ तो ऐसा होना ही था. समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि महाराज जयचंद्र एक वीर थे और मोहम्मद गौरी से लड़ते हुए इटावा में शहीद हुए थे.
कन्नौज के शासक जयचंद का इतिहास?
बता दें कि, राजा जयचंद राठौड़ 1170 से 1194 ईस्वी तक उत्तर भारत के गढ़वाल वंश के राजा थे. उन्होंने गंगा नदी के पास में बने कन्नौज अंटार और वाराणसी सहित अंटारवेदी देह पर शासन किया था. जहां राजा जयचंद के दो बच्चे थे.बेटे का नाम हरिश्चंद्र था वहीं, बेटी का नाम संयोगिता था. उस समय के सम्राट पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता के बीच प्रेम प्रसंग हो गया. लेकिन जयचंद इस प्रेम प्रसंग के खिलाफ थे. चूंकि, पृथ्वीराज बल में और सेना की संख्या में बहुत ही ताकतवर था अपनी ताकत का फायदा उठाते हुए और अपने बल पर संयोगिता का अपहरण करके पृथ्वीराज ने शादी की थी.
जयचंद शुरुआत से नहीं करते थे पसंद
बस यही बात राजा जयचंद को पसंद नहीं आई, राजा जयचंद शुरुआत से ही पृथ्वीराज को नहीं पसंद करते थे और अपनी बेटी के साथ इस तरह की घटना के बाद राजा जयचंद अंदर ही अंदर पृथ्वीराज को अपना शत्रु मारने लगे. राजा जयचंद ने अपना बदला लेने के लिए अंदर ही अंदर मोहम्मद गोरी से जाकर मित्रता कर ली और पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ खड़ा हो गया. जहां दोनों ने मिलकर पृथ्वीराज चौहान पर आक्रमण बोल दिया और पृथ्वीराज चौहान को हराकर उसको बंदी बना लिया है.
इसके बाद से पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद को लेकर इतिहासकारों ने राजा जयचंद को गद्दार बता डाला. राजा जयचंद की अगर मौत की बात करें तो उसी युद्ध में राजा जयचंद के किसी अज्ञात सिपाही के द्वारा आंखों में तीर लग जाने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद भारत सहित पूरे विश्व में पूरी तरह से मुगल शासन हावी हो गया था.
जयचंद को गद्दार साबित करने पर समिति देगी 5 लाख का इनाम
वहीं, हर साल शिवरात्रि के दिन कन्नौज जिले में राजा जयचंद के किले के पास बनी राजा जयचंद की प्रतिमा के पास कन्नौज वासी एक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, जिसमें आसपास के कई जिलों से राजनीतिक विद्वान और कन्नौज जिले के जानकार भाग लेते हैं और राजा जयचंद के बारे में बताते हैं. ऐसे में कन्नौज में एक समिति बनी हुई है कान्यकुब्ज समिति उसने कई बार खुला चैलेंज किया है कि अगर कोई भी व्यक्ति राजा जयचंद को गद्दार साबित कर देगा तो वह समिति उसको 5 लाख का नगद इनाम देगी.