Uttar Pradesh : बीजेपी और सपा के बाद अब कांग्रेस भी OBC वोटर की शरण में, बनाई नई रणनीति
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अब ओबीसी वोटर्स को टारगेट करने में जुट गई. पार्टी ओबीसी वोटर्स के सहारे लोकसभा का चुनाव जीतने की आस में.
यूपी में कांग्रेस अब पिछड़ों और दलितों के सहारे लोकसभा जीतने की आस में है. पार्टी के नेताओं को लगता है कि अगर इन दोनों समाज का समर्थन मिला तो फिर मुसलमान तो साथ आ ही जायेंगे. इसी फ़ार्मूले के मुताबिक़ कांग्रेस ने अब अगले महीने से OBC सम्मेलन शुरू करने का एलान किया है. कांग्रेस के थिंक टैंक का मानना है कि पिछड़ी बिरादरी के समर्थन के बिना राजनीति नहीं हो सकती है. इसीलिए अब यूपी के हर ज़िले में पार्टी ने जातीय जनगणना सम्मेलन कराने की फ़ैसला किया है. शुरूआत पहले मंडलों से होगी.
चुनावी राजनीति के लिहाज़ से देखें तो यूपी में कांग्रेस की हालत बड़ी ख़राब है. पिछले चुनावों में तो यूपी से बस सोनिया गांधी ही रायबरेली सीट से जीत पाईं थीं. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने पिछड़े समाज को सिर्फ़ ठगा है. कांग्रेस पार्टी की स्टैंड है कि जातिगत जनगणना हो फिर उसके हिसाब से OBC समाज के आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाए. कांग्रेस पार्टी देश भर में जाति जनगणना और आरक्षण बढाओ सम्मेलन कराने जा रही है.
कांग्रेस ने मथुरासे की OBC सम्मेलन की शुरूआत
यूपी में कांग्रेस पार्टी ने OBC सम्मेलन की शुरूआत मथुरा से की है. इसके लिए अब तक बनी रणनीति के हिसाब से पहले चरण में राज्य के सभी मंडलों में इस तरह के कार्यक्रम होंगे और फिर हर ज़िले में. मथुरा में हुए सम्मेलन में आगरा मंडल के लोगों के बुलाया गया. आज के सम्मेलन में आगरा, फ़िरोज़ाबाद,मथुरा और मैनपुरी के पिछड़ी जातियों के नेता शामिल हुए.
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मथुरा के बाद 18 जून को कानपुर, 19 वाराणसी, 21 सहारनपुर, 22 बरेली, 25 अयोध्या और 26 जून को देवीपाटन मंडल में प्रस्तावित हैं. जुलाई प्रथम सप्ताह तक सभी 18 मंडलों में सम्मेलन किए जाएंगे. इसके बाद जिलावार सम्मेलन किए जाएँगे. सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संगठन सचिव अनिल यादव ने कहा कि वैचारिक तौर पर बीजेपी पिछड़ी जातियों के खिलाफ रही है, और लगातार उसका विरोध समय समय पर नतर आता रहा है.
संघ परिवार हमेशा से आरक्षण और सामाजिक न्याय को पूरी तरह से ख़त्म करने को लेकर गिरोहबंदी करता रहा है. बीजेपी ने सिर्फ़ पिछड़े समाज को ठगने का काम किया है. कार्यक्रम में राहुल गॉंधी का ज़िक्र करते हुए बताया गया कि उन्होंने सबसे क्रांतिकारी मुद्दा उठाया है कि 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा ख़त्म की जाये.
ओबीसी सम्मेलन में ये चार प्रस्ताव किए गए पारित
1. बिना जातीय जनगणना के सामाजिक न्याय की अवधारणा को पूरा नहीं किया जा सकता है. लोकतंत्र की मजबूती के लिए जातीय जनगणना बेहद ज़रूरी है.
2. आरक्षण की 50 फ़ीसदी की सीमा को तत्काल हटाया जाए ताकि पिछड़ी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण मिले.
3. OBC के आरक्षण में इजाफा कर जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण तय किया जाए.
4. अति पिछड़े समाज की भागेदारी सुनिश्चित की जाए.
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