TMC सांसद यूसुफ पठान पर अतिक्रमण का आरोप, वडोदरा नगर निगम ने भेजा नोटिस, कहा- ये हमारी जमीन
वडोदरा नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष शीतल मिस्त्री ने इस विवाद पर बताया कि कथित अतिक्रमण को लेकर उन्हें नोटिस दिया गया है. हमने 6 जून को, पठान को एक नोटिस भेजा और उनसे सभी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा. कुछ हफ्ते तक इंतजार करेंगे और फिर हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे.
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद यूसुफ पठान विवादों में फंसते दिख रहे हैं. उनके गृह राज्य गुजरात के वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने जमीन पर अतिक्रमण करने को लेकर यूसुफ पठान को एक नोटिस भेजा है. वीएमसी का कहना है कि यह जमीन निगम की है जिस पर पूर्व क्रिकेटर ने कथित तौर पर कब्जा जमा लिया है.
भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित निगम की ओर से यह नोटिस लोकसभा चुनाव परिणाम आने के 2 दिन बाद ही 6 जून को भेज दिया गया था, लेकिन यह मामला अब सामने आया है.
BJP के पूर्व पार्षद ने उठाया मामला
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद विजय पवार की ओर से यह मुद्दा उठाने जाने के बाद वडोदरा नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष शीतल मिस्त्री ने कल गुरुवार को मीडिया के सामने इस संबंध में जानकारी साझा की. टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर यूसुफ पठान ने पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीत हासिल की है.
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इससे पहले दिन में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने 2012 में पूर्व क्रिकेटर को प्लॉट बेचने के वीएमसी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, लेकिन हाल ही में सांसद बने पठान ने प्लॉट पर एक दीवार बनाकर वहां पर अतिक्रमण कर लिया. पवार ने कहा, “मुझे यूसुफ पठान से कोई शिकायत नहीं है. टीपी 22 के अंतर्गत तनदालजा क्षेत्र में वीएमसी के स्वामित्व वाला एक प्लॉट आवासीय भूखंड है. साल 2012 में पठान ने वीएमसी से इस प्लॉट की मांग की थी, क्योंकि उस समय निर्माणाधीन उनका घर उस प्लॉट से सटा हुआ था. उन्होंने इस प्लॉट के लिए करीब 57,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की पेशकश भी की थी.”
राज्य सरकार से नहीं मिली थी मंजूरी
उस समय वीएमसी ने पठान के इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी और इसे जनरल बोर्ड की बैठक में पारित भी कर दिया गया था. हालांकि, राज्य सरकार, जो ऐसे मामलों में फैसला लेने की अंतिम अथॉरिटी है, की ओर से इस पर मंजूरी नहीं दी गई.
पवार ने कहा. “हालांकि प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था, लेकिन वीएमसी ने प्लॉट के चारों ओर किसी तरह की कोई बाड़ नहीं लगाई. बाद मे मुझे पता चला कि पठान ने उस प्लॉट के चारों ओर एक कंपाउंड दीवार बनाकर उस पर अतिक्रमण कर लिया है. जानकारी मिलने के बाद मैंने नगर निगम से जांच करने के लिए कहा,”
निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष शीतल मिस्त्री ने उन घटनाओं की पुष्टि की जिसके कारण राज्य सरकार ने यूसुफ पठान को 978 वर्ग मीटर के प्लॉट की बिक्री को अपनी मंजूरी नहीं दी और बताया कि कथित अतिक्रमण को लेकर उन्हें नोटिस दिया गया है.
उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में, हमें उनकी ओर से एक परिसर की दीवार बनाने को लेकर कुछ जानकारी मिली है. इसलिए, 6 जून को, हमने पठान को एक नोटिस भेजा है और उनसे सभी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा. हम इस मामले में कुछ हफ्ते तक इंतजार करेंगे और फिर हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे. यह जमीन वीएमसी की है और हम इसे वापस हासिल करेंगे.”