हाथियों की सुरक्षा के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स होगा गठित… CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान

हाथियों की सुरक्षा के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स होगा गठित… CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हाथी की सुरक्षा वनों की सुरक्षा है. पर्यावरण और मानव समाज की सुरक्षा है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में जो अकेले हाथी घूमते हैं और अपने दल से अलग हो जाते हैं उनकी रेडियो टैगिंग होगी. उन पर नजर रखी जाएगी. विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी, ताकि पिछले दिनों की तरह हाथी की सेहत पर कोई आंच न आए.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में राज्यस्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हाथी-मानव सह अस्तित्व के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे. हाथियों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग लगाई जाएगी. किसानों को कृषि वानिकी एवं अन्य वैकल्पिक कार्यों से जोड़ा जाएगा.

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हाथियों की बसाहट और सह अस्तित्व की भावना की मजबूती देने के लिए सुरक्षित वन क्षेत्र विकसित के संबंध में केंद्रीय वन मंत्री से चर्चा हो चुकी है. हाथी मित्र जन जागरूकता के लिए काम किया जाएगा.

फील्ड डायरेक्टर, अधिकारी रहें जागरूक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उमरिया वन क्षेत्र में 10 हाथियों की अलग-अलग हुई मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने इसे गंभीरता से लिया है. मंत्री समेत अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा किया है. शुरुआती रिपोर्ट में कीटनाशक नहीं मिला है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है. उमरिया और सीधी में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं. फील्ड डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों को जागरूक रहने की दरकार है.

दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में पता चला है कि समय पर फील्ड डायरेक्टर अवकाश से वापस नहीं आए और हाथियों की सुरक्षा में कोताही की गई, इससे हाथियों की मौत हुई. इस लापरवाही के चलते फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और प्रभारी एसीएफ फतेहसिंह निनामा को को निलंबित कर दिया गया है.

कर्नाटक, केरल और असम में होगा अध्ययन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बांधवगढ़ जैसे क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल स्थिति है. छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आने वाले हाथियों के दल अब वापस नहीं जा रहे. यहां बड़े पैमाने पर हाथी दल डेरा डाल रहे हैं. यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा हैं. ऐसे में स्थाई प्रबंधन के लिए हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है.

हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस प्रकार रखा जाए, इसकी योजना बन रही है. कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा. इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा और वे हाथियों के रहवास को लेकर अध्ययन करेंगे.

हाथी की सुरक्षा चिंता और जागरूकता का विषय

उन्होंने कहा कि यह चिंता के साथ जागरूकता का भी विषय है. बफर क्षेत्र में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी हाथियों और मानव के सहअस्तित्व को सुनिश्चित कर सके ताकि यह एक दूसरे के साथ जीना सीख सकें. अभी जो घटना हुई है इसमें जनहानि को लेकर 8 लाख रुपए हर व्यक्ति को दिया जाता था, उसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति करने का निर्णय लिया है. जो इस घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को भी इससे जोड़ा है.