केरल में आमने-सामने कांग्रेस और लेफ्ट, 3 राज्यों में गठबंधन पर मिली हार, नई रणनीति पर शुरू हुआ विचार!

केरल में आमने-सामने कांग्रेस और लेफ्ट, 3 राज्यों में गठबंधन पर मिली हार, नई रणनीति पर शुरू हुआ विचार!

कांग्रेस के महासचिव और केरल प्रभारी तारिक अनवर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी 24 घण्टे पहले ही नतीजे आए हैं. ये एक विषय है, जिस पर हमारी पार्टी के अध्यक्ष और कार्यसमिति समीक्षा करके फैसला करेगी.

कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन केरल में आमने-सामने हैं. लेकिन कुछ राज्यों में दोनों ने गठबंधन कर रखा है. लेकिन अब इस फॉर्मूल को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इस फॉर्मूले पर लेफ्ट और कांग्रेस के नेताओं का एक बड़ा तबका अंदरखाने पुनर्विचार की वकालत करने लगा है. सबसे पहले बंगाल, इसके बाद असम और अब त्रिपुरा में इस गठजोड़ को करारी हार का सामना करना पड़ा है. हाल ही में हुई त्रिपुरा की हार ने दोनों सियासी दलों को परेशान कर दिया है, जिसेक बाद अब नए सिरे से इस पर विचार करने को लेकर मंथन चल रहा है.

सूत्रों के मुताबिक केंद्र में भले ही भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और लेफ्ट का मजबूत गठजोड़ हो, लेकिन केरल में दोनों के बीच सियासी अदावत है. बंगाल, असम और त्रिपुरा में हार के बाद दोनों पक्ष के नेता अब गठबंधन पर फिर से विचार करने की वकालत कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार दोनों ही पक्षों ने मसले पर नई रणनीति बनाने की गुजारिश की है.

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वोट ट्रांसफर नहीं करा पाती कांग्रेस: लेफ्ट

कांग्रेस के महासचिव और केरल प्रभारी तारिक अनवर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी 24 घण्टे पहले ही नतीजे आए हैं. ये एक विषय है, जिस पर हमारी पार्टी के अध्यक्ष और कार्यसमिति समीक्षा करके फैसला करेगी. वहीं लेफ्ट में पोलित ब्यूरो चर्चा करेगा. इसके बाद ही हम किसी फैसले पर पहुंचेंगे. इसके साथ ही लेफ्ट के सीनियर नेता हन्नान मुल्ला ने कहा है कि उनके नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस को वोट ट्रांसफर कराते हैं. लेकिन कांग्रेस सब जगह नहीं करा पाती, उसके यहां कुछ सीपीएम विरोधी मानसिकता वाले लोग भी हैं.

नेताओं का पोलित ब्यूरों पर दबाव

दरअसल, लेफ्ट खुलकर कांग्रेस पर अपने वोट पूरी तरह ट्रान्सफर नहीं करा पाने की तोहमत लगा रहा है. उसका मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व जोर देकर राज्य में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से ऐसा नहीं करा पाता है. ऐसे में राज्य के नेताओं का पोलित ब्यूरो पर दबाव जरूर है.

विपक्षी एकता में पलीता लगा रहे सवाल

इससे पहले कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान केरल में लेफ्ट नेताओं और कांग्रेस संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी. जिसके चलते पोलित ब्यूरो ने पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी से खासी नाराजगी जताई थी. उसी का असर था कि यात्रा के समापन पर कश्मीर में येचुरी को न्योते के बाद दूरी बनानी पड़ गयी थी. ऐसे में उठने वाले नए सवाल विपक्षी एकता में पलीता ही लगाते हैं.

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