हत्या-रंगदारी सहित 10 केस, डॉन दाऊद का ‘गुरु’…5 साल बाद अस्पताल से गया जेल; कौन है सुभाष ठाकुर?
वाराणसी के बीएचयू अस्पताल से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुरु माना जाने वाला माफिया सुभाष ठाकुर 5 साल बाद फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.
यूपी के वाराणसी के अस्पताल में भर्ती अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुरु माफिया सुभाष ठाकुर को पांच साल बादफिर से जेल भेज दिया गया है. सुभाष ठाकुर पिछले पांच सालों से किडनी के इलाज के नाम पर भर्ती था. माफिया दिसंबर 2019 में बीएचयू अस्पताल में भर्ती हुआ था.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुभाष को सोमवार को उसे बीएचयू अस्पताल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया, जहां वो आजीवन कारावास काटेगा. सुभाष खुद के अस्वस्थ होने का दावा करता रहा, लेकिन वो फिट पाया गया है.पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के गठित 12 डॉक्टरों के पैनल ने सुभाष ठाकुर को फिट पाया है.
रहा है दाऊद इब्राहिम का गुरू
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र के नेवादा गांव का रहने वाला सुभाष ठाकुर पूर्वांचल में बड़े-बड़े माफियाओं का गुरू रहा है. यहां तक की दाऊद इब्राहिम ने भी इसको अपना गुरू माना था. ऐसा कहा जाता है कि दाऊद को अपराध कीट्रेनिंग सुभाष और उसके गुर्गों से मिली है. मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में दाऊद के बहनोई की हत्या का बदला लेने की योजना भी सुभाष ठाकुर ने ही बनाई थी. फिलहाल सुभाष ठाकुर पर यूपी, दिल्ली और मुंबई में दस मुकदमे दर्ज हैं. एक में उसे आजीवन कारावास की सज़ा हुई है जबकि चार मामलों में वो दोषमुक्त हो चुका है.
खुद को बताता रहा बीमार
मुंबई के विरार के इलाके में 2022 में बिल्डर समरजीत की हत्या हुई तो मुंबई पुलिस ने हत्या की योजना और शूटर उपलब्ध कराने का मास्टरमाइंड सुभाष ठाकुर को ही बताया. इसके बाद से ही सुभाष ठाकुर को वापस फतेह गढ़ सेंट्रल जेल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि सुभाष ठाकुर ने आंख फिर आंख और पेट में समस्या बता कर अस्पताल में ही रुकने में सफल हो गया.
भेज दिया गया जेल
डीजी जेल पीवी रामास्वामी ने जब सुभाष ठाकुर के लम्बे समय से बीएचयू अस्पताल में रहने को गंभीरता से लिया तो वाराणसी पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर डॉक्टरों का पैनल बना. सुभाष ठाकुर का स्वास्थ्य परीक्षण किए और उसकी तबियत को बिल्कुल ठीक बताया. उसके बाद ही पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर सुभाष ठाकुर को बीएचयू से फतेह गढ़ सेंट्रल जेल वापस भेजा गया.
नब्बे की दशक में मुंबई कमाने खाने के लिए जाने वाले सुभाष ठाकुर को मुंबई के आपराधिक छवि के लोगों ने डराने धमकाने और रंगदारी वसूलने के काम पर लगा दिया था. इस तरह वो अपराध की दुनिया में उतरा और फिर अपना एक संगठन बना लिया. तभी दाऊद भी इसके गिरोह में शामिल हुआ था.