UP: ‘मिनी स्कर्ट-फटी हुई जींस पहनकर न आएं’, गोला शिव मंदिर में लगाया गया नोटिस बोर्ड

UP: ‘मिनी स्कर्ट-फटी हुई जींस पहनकर न आएं’, गोला शिव मंदिर में लगाया गया नोटिस बोर्ड

अपनी अनोखी पौराणिक कहानी के लिए मशहूर लखीमपुर का गोला गोकर्ण नाथ मंदिर फिर से सुर्खियों में है. देश के कुछ मंदिरों की तरह छोटी काशी के पौराणिक शिव मंदिर में भी अब मिनी स्कर्ट, कटी-फटी जीन्स समेत छोटे कपड़े पहन कर पूजा करने की छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा मंदिर समीति ने ये फैसला किया है की मंदिर के अंदर मोबाइल चलाने पर भी पाबंदी लगाई जाएगी जिससे भक्तों का ध्यान ना भटके.

लखीमपुर का गोला गोकर्ण नाथ मंदिर अपनी अनोखी कहानी के लिए जाना जाता है. साथ ही ये जाना जाता है एक ऐसे शिवलिंग के लिए जिसे देखने के लिए आपको शिवलिंग के बेहद करीब जाना पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस शिवलिंग को लंका के राजा और भगवान भोलेनाथ के परम भक्त राक्षस राज रावण ने अपने अंगूठे से नीचे दबा दिया था. इस शिवलिंग पर आज भी आपको रावण के अंगूठे के निशान दिख जाएंगे. गोला गोकर्ण नाथ को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है.

अपनी अनोखी पौराणिक कहानी के लिए मशहूर ये मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. देश के कुछ मंदिरों की तरह छोटी काशी के पौराणिक शिव मंदिर में भी अब मिनी स्कर्ट, कटी-फटी जीन्स समेत छोटे कपड़े पहन कर पूजा करने की छूट नहीं मिलेगी. भक्तों को मर्यादित लिबास में मंदिर जाकर पूजा अर्चना करनी पड़ेगी. जो ऐसे कपड़े पहन कर जाएगा उसे बाहर से ही दर्शन करने का मौका मिलेगा, अंदर आकर भगवान शिव के इस अनोखे रूप के दर्शन करने का मौका नहीं मिलेगा.

भक्त नहीं पहन सकेंगे कटी-फटी जींस

शिव मंदिर गोस्वामी प्रबंध करनी समिति ने इस संबंध में पर्चे भी बांट दिए हैं. पर्चों में लिखा गया है कि सभी महिलाएं और पुरुष मंदिर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आएं. छोटे वस्त्र, हाफ पेंट, बरमुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जींस, फ्रॉक और जींस आदि पहनकर आने से मंदिर के बाहर से ही आपको प्रभू के दर्शन हो पाएंगे. अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

मंदिर के अंदर मोबाइल चलाने पर भी पाबंदी

इसके अलावा मंदिर समीति ने ये फैसला किया है की मंदिर के अंदर मोबाइल चलाने पर भी पाबंदी लगाई जाएगी जिससे भक्तों का ध्यान ना भटके. इससे पहले देश में कई मंदिरों में छोटे कपड़ों को लेकर पूजा करने की इजाजत नहीं थी. इस बात पर कई बार हल्ला भी मचा था. अब छोटी काशी के पौराणिक शिव मंदिर में भी यही व्यवस्था लागू की गई है, जिससे शिव भक्त पूरे मनोयोग से अपने आराध्य की पूजा अर्चना कर सकें. उनकी पूजा अर्चना में कोई व्यवधान न हो.