कमाल की अप्सरा: जिस कुर्सी पर कभी बैठे थे ओबामा, उस पर भारतीय मूल की लड़की बैठेगी

कमाल की अप्सरा: जिस कुर्सी पर कभी बैठे थे ओबामा, उस पर भारतीय मूल की लड़की बैठेगी

अप्सरा अय्यर से पूर्व इस पद पर रहने वाले प्रिसिला कोरोनाडो ने कहा, "अप्सरा अय्यर को शीर्ष पर रखने को लेकर संस्था खुद को भाग्यशाली समझती है.

भारतीय मूल की अप्सरा अय्यर को हार्वर्ड लॉ रिव्यू जैसी दुनिया की इकलौती अहम संस्था का अध्यक्ष चुना गया है. 136 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय-अमेरिकी मूल की शख्सियत को इस अहम पद पर बैठाया गया हो. हार्वर्ड लॉ रिव्यू, विधिक (कानून) क्षेत्र में प्रकाशित होने वाले जनरल के लेखों की समीक्षा और चयन के उद्देश्य से, हार्वर्ड लॉ स्कूल के अंतर्गत संचालित संस्था है. भारतीय-अमेरिकी मूल की छात्रा अप्सरा अय्यर हार्वर्ड लॉ स्कूल में दूसरे साल की छात्रा हैं.

इस संस्था की स्थापना 1887 में की गई थी. अप्सरा अय्यर को इस पद पर चुने जाने की पुष्टि ‘द हार्वर्ड क्रिमसन’ ने अपनी एक रिपोर्ट के जरिए की है, जिसमें कहा गया है कि, अप्सरा अय्यर को हार्वर्ड लॉ रिव्यू का 137वां अध्यक्ष चुना गया है. इस सफलता पर मीडिया से बातचीत में अप्सरा ने भी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, “लॉ रिव्यू अध्यक्ष के रूप में लेखों की समीक्षा एवं चयन की प्रक्रिया में और अधिक संपादकों को शामिल करना उनकी प्राथमिकता होगी. ताकि उच्च गुणवत्ता वाले काम करने की संस्था की साख को बरकरार रखा जा सके.”

अप्सरा का क्या है लक्ष्य

अप्सरा अय्यर के मुताबिक, उन्हें लगता है कि अभी वे केवल यह सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी कि, संस्था में सब कुछ पहले से भी बेहतर संभव हो सके. यहां जिक्र करना जरूरी है कि जिस पद पर अब अप्सरा अय्यर चुनी गई हैं, उस पद पर कभी अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके बराक ओबामा और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रूथ बेडर जिन्सबर्ग भी रह चुके हैं.

क्रिमसन की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्सरा अय्यर ने सन् 2016 में येल से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी. उनके पास अर्थशास्त्र, गणित और स्पेनिश में ग्रेजुएशन डिग्री है. अप्सरा अय्यर से पूर्व इस पद पर रहने वाले प्रिसिला कोरोनाडो ने कहा, “अप्सरा अय्यर को शीर्ष पर रखने को लेकर संस्था खुद को भाग्यशाली समझती है. सांस्कृतिक विरासत के मूल्यों को समझने में अप्सरा अय्यर के लगाव ने ही उन्हें मैनहट्टन अटॉर्नी की पुरावशेष तस्करी इकाई में भी काम करने के लिए प्रेरित किया था. यह संस्था चोरी की गई कला और कलाकृतियों को ट्रैक करने की जिम्मेदारी निभाती है.

‘राइट ऑन’ परीक्षा से मिली कामयाबी

अप्सरा अय्यर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने लॉ स्कूल में आने से पहले सन् 2018 में लॉ ऑफिस में भी काम किया था. जबकि वकालत करने के पहले साल में उन्होंने अवकाश ले लिया था. रिपोर्ट के ही मुताबिक, अप्सरा अय्यर ‘राइट ऑन’ नाम की प्रतियोगिता में सफलता हासिल करने के बाद ही अब, हार्वर्ड लॉ रिव्यू के अध्यक्ष पद तक पहुंची हैं. इससे पहले तक अप्सरा, लॉ स्कूल के हार्वर्ड ह्यूमन राइट्स जर्नल और नेशनल सिक्योरिटी जर्नल में भी शामिल हुई थीं.