मऊ: भरत मिलाप में आस्था की बयार, मस्जिद से टकराया रघुनंदन का ‘विमान’, फिर राम और अजान की सुनाई दी गूंज
मऊ में यह परंपरा शाहजहां की बेटी जहांआरा की ओर से शुरू की गई थी, जोकि आजतक जारी है. इस बार भी भगवान राम का विमान मस्जिद के गेट से टकराया. मस्जिद के गेट के सामने ही कलाकारों ने राम-भरत मिलन का प्रसंग किया.
उत्तर प्रदेश के मऊ के शाही कटरा जामा मस्जिद के गेट से भगवान रघुनंदन का विमान तीन बार टकराया और श्रीराम-भरत का ऐतिहासिक मिलाप संपन्न हो गया. इस प्रसंग को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे. शीतला मंदिर से भगवान राम का रथ जैसे ही भरत से मिलने के लिए कटरा की ओर निकला, भक्तों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा था. भगवान राम और भरत के जयकारे लग रहे थे.
हर साल शाही कटरा के मैदान में भरत मिलाप प्रसंग का आयोजन होता है, जिसे देखने लाखों की तादाद में लोग आते हैं. इस राम-भरत मिलाप की सबसे बड़ी खासियत ये है कि एक तरफ शाही मस्जिद में मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करते हैं, ठीक उसी समय हर-हर महादेव और जय श्री राम का नारा लगता है. कहते हैं राम और रहीम की आवाजें एक साथ मिलकर सुर संगम बन जाती हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ.
शाही कटरा के मैदान में राम-भरत मिलाप का प्रसंग जिसने भी देखा, वो भावुक हो गए. चारों ओर वातावरण राममय हो गया. भरत मिलाप के बाद चारों भाइयों की एएसपी और एडीएम ने आरती उतारी.
इस दौरान पुलिस भी मुस्तैद रही. पुलिस सीसीटीवी कैमरों से निगरानी कर रही थी. प्रशासन ने शाही मस्जिद के गेट पर बड़े-बड़े एंगल लगाए थे. गेट के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनाती थी. दरअसल, 2005 में इस कार्यक्रम के दौरान हिंसा हो गई थी.
रामलीला कमेटी के लोगों ने बताया कि जामा मस्जिद के गेट से प्रभु श्रीराम के विमान को स्पर्श कराने की सालों से परंपरा रही है. यह परंपरा शाहजहां की बेटी जहांआरा की ओर से शुरू की गई थी, जोकि आजतक जारी है. इस बार भी भगवान राम का विमान मस्जिद के गेट से टकराया. मस्जिद के गेट के सामने ही राम-भरत मिलन प्रसंग के लिए मंच बनाया गया था. भरत मिलाप कमेटी के संरक्षक ने बताया कि यह भरत मिलाप ऐतिहासिक भरत मिलाप है, जोकि हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है.
रिपोर्ट- अभिषेक राय, मऊ