हेल्दी रहने के लिए जरूरी है प्रोटीन वाला फूड, जानिए क्या कहती हैं न्यूट्रीशियनिस्ट
National Protein Day 2023: भारत इस साल 27 फरवरी को चौथा राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस मनाने जा रहे है. देश के लोगों को प्रोटीन के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से डायबिटीज एजुकेटर खुशबू जैन टिबड़ेवाला देश के न्यूट्रीशियनिस्ट के नाम खुला खत लिखा है.
National Protein Day 2023: हेल्दी रहने के लिए हमारी बॉडी को विटामिन्स और मिनरल्स समेत कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इन्हीं में से एक है प्रोटीन. खासकर हमारे शरीर की कोशिकाओं के रख-रखाव और उनके विकास के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है. प्रोटीन के बिना शरीर का विकास और इम्यूनिटी संभव नहीं है. लोगों में प्रोटीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ डाइट में प्रोटीन वाले फूड शामिल करने को लेकर हर साल 27 फरवरी को नेशनल प्रोटीन डे मनाया जाता है.
बता दें कि इस बार भारत में चौथा नेशनल प्रोटीन डे मनाया जा रहा है. इस बार प्रोटीन डे की थीम है- Easy Access To Protein For All यानी सभी लोगों को आसानी से प्रोटीन मिल पाए. देश के सभी लोगों के लिए प्रोटीन की जागरूकता के अलावा इसे लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए द हेल्थ पैंट्री की न्यूट्रीशियनिस्ट और डायबिटीज एजुकेटर खुशबू जैन टिबड़ेवाला ने भारत के न्यूट्रीशियनिस्ट को एक ओपन लेटर लिखा है.
न्यूट्रीशियनिस्ट की अहम भूमिका
डायबिटीज एजुकेटर खुशबू जैन टिबड़ेवाला कहती हैं कि बतौर न्यूट्रीशियनिस्ट हम देश के लोगों को न्यूट्रीएंट्स और फूड सोर्स के बारे में जागरूक करने की अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन आज के समय में हमारी ये भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए हो गई है क्योंकि लोग ग्रोसरी स्टोर्स, सुपरमार्केट्स, रेस्टोरेंट्स और ऑनलाइन डिलीवरी ऐप्स के जरिए अपने किचन के लिए तमाम विकल्प मिल रहे हैं. लेकिन पोषण को लेकर बढ़ती जागरूकता के बावजूद, हमारा भोजन चावल और गेहूं जैसे कार्बोहाइड्रेट पर ही निर्भर है.
राइट टू प्रोटीन सर्व में क्या आया सामने?
साल 2020 में 2100 भारतीय माताओं पर किए गए राइट टू प्रोटीन के शोध के मुताबिक, 84 फीसदी लोगों का मानना था कि ऊर्जा के लिए भोजन में प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट को शामिल करना ज्यादा जरूरी है. इसी समय, राष्ट्रीय पोषण निगरानी बोर्ड के सर्वे से पता चलाकि भारतीय लोग अपने अपने भोजन में 60 फीसदी प्रोटीन अनाज (Cereals) से प्राप्त करते हैं. भारत ने अगले 25 वर्षों के लिए ‘अमृत काल’ का विजन रखा है. इसके अलावा भारत साल 2047 में अपनी स्वंतंत्रता के 100 साल भी पूरा कर लेगा. भारत को अपने विकास को आगे बढ़ाने के लिए हर साल जन्म लेने वाले 26 मिलियन बच्चों और 35 वर्ष से कम आयु की 65 फीसदी आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के ख्याल रखना भी जरूरी है.
न्यूट्रीशियनिस्ट कैसे कर सकते मदद?
खुशबू जैन टिबड़ेवाला का मानना है कि न्यूट्रीशियनिस्ट लोगों को अपने भोजन में प्रोटीन को शामिल करने को लेकर उनकी मदद कर सकते हैं. उनका कहना है कि न्यूट्रीशियनिस्ट अपने स्तर पर लोगों को इस बारे में शिक्षिक कर सकते हैं. प्रोटीन से बनने वाली ट्रेडिशनल डाइट के बारे में लोगों को बता सकते हैं. इसके अलावा, लोगों को प्रोटीन की जरूरत के बारे में बता सकते हैं.
भोजन में प्रोटीन बेहद जरूरी
फिजिकल और कोग्निटिव डेवलपमेंट के लिए प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा बेहद जरूरी है. प्रोटीन की कमी वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे हमारी कार्यशैली और प्रोडक्टिविटी पर भी असर पड़ता है