हाईकोर्ट से वक्फ मस्जिद हटाई जाए!… सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कब्जे की है कोशिश

हाईकोर्ट से वक्फ मस्जिद हटाई जाए!… सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कब्जे की है कोशिश

इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थित वक्फ मस्जिद को परिसर से हटाने की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट 13 मार्च को सुनवाई करेगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में वक्फ मस्जिद को हटाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई टालते हुए अगली सुनवाई की तारीख 13 मार्च तय की है. सुनवाई की तारीख तय करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई इस बार किसी भी आधार पर नहीं टाली जाएगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा वक्फ मस्जिद हाईकोर्ट नाम की एक मस्जिद को उसके परिसर से हटाने के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने 2018 के आदेश में कहा था कि हाईकोर्ट परिसर के किसी भी हिस्से को किसी भी धार्मिक गतिविधि के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि “यह अतिक्रमण का मामला है. पूर्व में प्रतिवादी सुप्रीम कोर्ट में केस हार चुके है. 3 पट्टेदारों को कब्जा सौंपने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद मस्जिद को बचाने के लिए एक वक्फ बनाया और इसे पंजीकृत करवाया. इन लोगों ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वहां कोई मस्जिद थी ही नहीं.”

सुप्रीम ने पूछा क्या कोई मस्जिद नहीं थी?

हाईकोर्ट के वकील ने कहा, ‘नहीं, एक टीन का शेड था. बाद में इसका पंजीकरण कराया गया. मस्जिद की तरफ से पेश वकील ने कहा, मस्जिद सन 81 से है. हाईकोर्ट के वकील का कहना था, पट्टा ’96 में पंजीकृत और ’98 में नवीनीकृत किया गया, मस्जिद का कोई उल्लेख नहीं. जब पहली बार जब मुकदमा चला तब मस्जिद का कोई उल्लेख ही नहीं किया गया था.’

इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए पेश वकील ने कहा फैसला तो हमारे पक्ष में आया था. सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद एक दशक से इंतजार कर रहे हैं. एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कहा हमें इस इमारत की सख्त जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट जस्टिस शाह ने चुटकी लेते हुए कहा वैसे भी अच्छा काम संवत जलने के बाद यानि होली के बाद ही होता है.