शर्मनाक! डंपर ने पत्नी-बेटी को कुचला…एंबुलेंस वाले ने लूटा..फिर मुर्दाघर में मांगे 60,000

शर्मनाक! डंपर ने पत्नी-बेटी को कुचला…एंबुलेंस वाले ने लूटा..फिर मुर्दाघर में मांगे 60,000

बेंगलुरु की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सुनील को घटना के 21 दिन बाद पत्नी और बेटी की ऑटोप्सी रिपोर्ट मांगी.

बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक शख्स 80 हजार रुपए ऐंठने की कोशिश की गई, वो भी तब जब एक रोड एक्सीडेंट में उसने अपनी पत्नी और बेटी को खो दिया. उससे ये पैसे ऐंठने की कोशिश करने वाले कोई और नहीं बल्कि एंबुलेंस और मुर्दाघर के कर्मचारी थे. 51 साल के सुनील कुमार ने तीन हफ्ते पहले एक सड़क दुर्घटना में अपनी 48 साल की पत्नी और 15 साल की बड़ी बेटी को खो दिया. इस घटना के बाद अब सुनील कुमार अपनी 10 महीने की बेटी के साथ अकेले रहते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क दुर्घटना के बाद पहले एंबुलेंस ड्राइवर ने शवों को अनेकल सरकारी अस्पताल से उठाने के लिए 21 हजार लिए. इसके बाद मुर्दाघर के कर्मचारी ऑटोप्सी रिपोर्ट देने के बदले 60 हजार रुपए मांगने लगे. हालांकि जब एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने मामले में दखल दिया तो सुनील पैसे देने से बच गए. बेंगलुरु अर्बन की जिला हेल्थ ऑफिसर डॉ इंदिरा कबड़े ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि जो व्यक्ति पहले से ही इतने सदमें में हैं, उस इस तरह की चीजों से गुजरना पड़ा. कुछ स्टाफ लोगों की भावनाओं की परवाह नहीं करते.

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‘पत्नी-बेटी कार में फंसे हुए थे और लोग फोटो खींच रहे थे’

जानकारी मुातिबक मामला एक फरवरी का है जब सुनील कुमार के फोन पर कग्गलीपुरा-बन्नेरघट्टा रोड पर बलमारा डोड्डी में एयरबैग के तैनात होने का एसएमएस अलर्ट आय़ा. उस वक्त कार उनकी पत्नी चला रही थी. वह अपनी बेटी को छोड़ने जा रही थीं. सुनील कुमार ने बताया कि जैसे ही मुझे एसएमएस मिला, मैं समझ गया कि कुछ ठीक नहीं है. एक पड़ोसी को साथ में लेकर मैं स्पॉट पर पहुंचा. उन्होंने आगे बताया कि वहां पहुंचकर उन्होंने देखा की उनकी पत्नी और बेटी गाड़ी में फंसे हुए हैं और लोग वहां खड़े होकर फोटो खींचकर रहे हैं. उन्होंने चिल्ला कर लोगों से कहा कि गांड़ी मेंफंसे हुए लोग मेरा परिवार है.

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इसके बाद उन्होंने बताया कि एंबुलेंस ड्राइवर डो पोस्टमार्टम के बाद शवों को अस्पताल से उठाने वालााथी, उसने 21 हजार रुपए मांगे और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो गाड़ी नहीं हिलेगी. इसके बाद सुनील के दोस्त ने पैसे ड्राइवर को दिए. बाद में मुर्दाघर के कर्मचारी ने ऑटोप्सी रिपोर्ट देने के बदले 60 हजार रुपए मांगे. बाद में एक सीनियर पुलिस अधिकारी की मदद से सुनील को रिपोर्ट 21 दिन बाद मिली.