बीजेपी का ‘OBC प्लान’, अब घर में दस्तक देंगे नेता, रामचरित मानस विवाद पर देगी जवाब

बीजेपी का ‘OBC प्लान’, अब घर में दस्तक देंगे नेता, रामचरित मानस विवाद पर देगी जवाब

ओबीसी वोटर्स की आबादी देश में पचास फीसदी के करीब है, साथ ही लोकसभा सीटों पर भी ओबीसी वोटर्स 10 फीसदी से लेकर 70 फीसदी तक है. पढ़ें आनंद प्रकाश पांडेय की यह रिपोर्ट...

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ओबीसी वोटर्स को साधने में जुट गई है. जल्द ही बीजेपी के बड़े नेता और मंत्री ओबीसी वोटर्स के घर जाएंगें, मोदी सरकार के काम बताएंगें, ओबीसी वर्ग के हित में मोदी सरकार के फैसले को गिनाएंगे. इसके लिए बकायदा बीजेपी का ओबीसी मोर्चा ‘गांव गांव चलों घर घर चलो’ अभियान शुरू करने जा रहा है. अभियान के दौरान जातिगत जनगणना और रामचरित मानस विवाद से जुड़े सवालों का जवाब देने की भी तैयारी है.

बीजेपी OBC मोर्चा का यह अभियान बीजेपी के स्थापना दिवस 6 अप्रैल से शुरू होकर अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल तक चलेगा. इसी बीच में 11 अप्रैल को ज्योतिबाफुले की जयंती भी है. इन 9 दिनों के अभियान में बीजेपी कार्यकर्ता, नेता, मंत्री 1 लाख गांव और 10 लाख घरों तक पहुंचेंगे और इन 9 दिनों में मोदी सरकार के 9 साल में ओबीसी वर्ग के लिए जो फैसले लिए है उस सबको ओबीसी वोटर्स को बताएंगे.

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ओबीसी वोटर्स को बताया जाएगा कि मोदी सरकार ने पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से लेकर नीट की एमबीबीएस व एमडी परीक्षाओं में 27 फीसदी ओबीसी छात्रों को आरक्षण दिलाया, गरीब कल्याण योजनाओं का फायदा सीधा ओबीसी वर्ग को मिल रहा है.

ओबीसी ओटर्स के सामने खोलेंगे विपक्षी पार्टियों की पोल

इसके अलावा पीएम मोदी का विजन बताएंगे कि ओबीसी वर्ग नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बने इसलिए पीएम वेंचर कैपिटल फंड के लिए 200 करोड दिया गया, मछुआरों के लिए अलग 20000 करोड की पीएम मत्स्य योजना शुरू की गई. इस बार के बजट में विश्वकर्मा की छोटी-छोटी 140 जातियों के शिल्पकार हस्तकार सुनार जैसी जातियों का MSME से टाई अप कर ट्रेनिंग फंडिंग और मार्केटिंग के लिए प्रावधान किया है.

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बीजेपी नेता ओबीसी वोटर्स को ये भी बताएंगे कि कैसे कांग्रेस, वामपंथी और विरोधी दलों ने स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का विरोध किया पर महाराष्ट्र में, मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकारों ने कोशिश करके इसे बहाल कराया.ओबीसी वोटर्स को ये भी बताया जाएगा कि पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी नेताओं को जगह दिया है.

160 लोकसभा सीटों पर रहेगा ज्यादा फोकस

इन सब फैसलों, कामों और बीजेपी शासित राज्यों के कामों की सूची भी इस दौरान गांव-गांव और घर- घर पहुंचाई जाएगी. फैसलों की एक पर्चा और पैम्पलेंट भी घर-घर बांटे जाएंगे. साथ ही बीजेपी ओबीसी मोर्चा का जोर उन 160 लोकसभा सीटों पर ज्यादा होगा जहां या तो बीजेपी कमजोर है या कभी चुनाव नहीं जीती है.

हालांकि विपक्ष देश भर में जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर माहौल बना रहा है. ऐसे में बीजेपी नेताओं को इस पर भी जवाब देना पड़ेगा. मानस विवाद पर भी सवाल पूछे जाएंगे. बीजेपी का आरोप है कि जाति मज़हब प्रांत के मुद्दे उठाकर विपक्षी समाज को तोडना चाहते है. बीजेपी का कहना है कि मोदी सरकार ने क़ानून में संशोधन कर राज्यों को जातियों को ओबीसी सूची में जोड़ने और आरक्षण बढाने का अधिकार दिया है.

‘गुमराह करने के लिए उछाला गया रामचरित मानस का मुद्दा’

लिहाजा बॉल राज्य सरकारों के कोर्ट में है. बीजेपी पहले राज्यों में ओबीसी समाज के सर्वे और उसके बाद में अध्ययन और कानूनी पहलुओं को देखने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना के पक्ष में है. बीजेपी का आरोप है कि तेलंगाना, कर्नाटक जैसे राज्यों ने जातिगत जनगणना कराई पर रिपोर्ट को आज तक पब्लिश नहीं किया. बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मण ने कहा कि रामचरित मानस विवाद जैसे मुद्दे भी विपक्ष ओबीसी वर्ग को गुमराह करने के लिए उछाल रहा है बीजेपी उसके चक्कर में नहीं आएगी, पार्टी अपने कामकाज से जवाब देगी.

हालांकि यूपी बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप का दावा है कि बीजेपी ने ओबीसी वर्ग के लिए इतना काम किया है कि लोग जातिगत जनगणना को लेकर सवाल नहीं करेगी. नरेंद्र कश्यप का कहना है कि रामचरितमानस विवाद से विपक्ष को ही नुकसान होगा इसलिए समाजवादी पार्टी बैकफुट पर आ गई है. लोकसभा चुनावों से पहले हर पार्टी ओबीसी वोटर्स को लुभाने के लिए रणनीति बनाने में लग गई है.