अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा छिंदवाड़ा, यहां सब गड़बड़…CM मोहन यादव ने ऐसा क्यों कहा?

अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा छिंदवाड़ा, यहां सब गड़बड़…CM मोहन यादव ने ऐसा क्यों कहा?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा. यहां सब कुछ गड़बड़ है. बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू के पर्चा दाखिल होने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही.

छिंदवाड़ा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. आजादी के बाद से अबतक कांग्रेस यहां से केवल एक बार चुनाव हारी है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लोकसभा में इस सीट का नौ बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसके बावजूद सूबे के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने छिंदवाड़ा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा.

बुधवार को एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा. यहां सबकुछ गड़बड़ है. यहां के लोगों ने आगामी लोकसभा में कांग्रेस के वर्चस्व को खत्म करने का फैसला किया है. जनता का रुझान अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के पक्ष में है. हम छिंदवाड़ा को एक आदर्श लोकसभा क्षेत्र के रूप में विकसित करेंगे.

यहां कांग्रेस खेमे से कोई नहीं बचा

बता दें कि सीएम मोहन यादव बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू के पर्चा दाखिल होने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए ये बात कही. सीएम यादव ने आगे कहा कि कमलनाथ खुद को भगवान हनुमान का भक्त बताते हैं, लेकिन जब वह सूबे के मुख्यमंत्री थे, तो जामसांवली में हनुमान मंदिर के विकास में विफल रहे. भाजपा सरकार ने इस मंदिर को विकसित किया. सीएम ने कहा कि यहां कांग्रेस खेमे से कोई नहीं बचा. नकुल नाथ हारने वाले थे, लेकिन वो सिर्फ 37 हजार वोट से जीत सके. यह अंतर कुछ भी नहीं है.

2019 में कांग्रेस के खाते में केवल छिंदवाड़ा सीट

बता दें कि छिंदवाड़ा से नकुल नाथ ने 2019 में बीजेपी के नत्थन शाह को 37 हजार वोट से हराया था, जबकि 2014 में यहां से कमलनाथ ने 1.16 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. 2019 के चुनावों के दौरान राज्य में कांग्रेस के खाते में केवल छिंदवाड़ा सीट गई थी. भाजपा ने सूबे की 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी.