13 साल की पाकिस्तानी लड़की को दिल्ली के डॉक्टर ने दी नई जिंदगी, फ्री में 4 मेजर ऑपरेशन कर 90 डिग्री पर झुकी गर्दन से दिलाई निजात
13 साल की अफशीन गुल की गर्दन एक हादसे में 90 डिग्री पर झुक गई. आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता मासूम के इलाज पर पैसा खर्च करने में असमर्थ थे. दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉ. राजगोपालन कृष्णन ने उसका ऑपरेशन जिंदगी बदल दी.
पाकिस्तान के सिंध प्रदेश की 13 साल की अफशीन गुल को दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉ. राजगोपालन कृष्णन ने नई जिंदगी दी है. एक दुर्घटना में गुल की गर्दन 90 डिग्री पर झुक गई. जिसके बाद कभी स्कूल नहीं जा सकती थी और न ही अपने दोस्तों के साथ खेल सकती थी. ऐसे में उम्मीद की किरण बनकर सामने आए सीमा पार के डॉक्टर राजगोपालन कृष्णन ने मासूम के जीवन के अंधकार को दूर किया है. चार मेजर ऑपरेशनों से गुजर कर अफशीन की गर्दन को ठीक हो सकी. अब मासूम के चेहरे की मुस्कुराहट लौट आई है और बात भी कर पा रही है. डॉक्टर राजगोपालन कृष्णन वीडियो कॉलिंग के जरिए मासूम की हर सप्ताह जांच कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध प्रदेश की रहने वाली अफशीन गुल का गर्दन 10 महीने पहले 90 डिग्री पर झुक गई. वह अपनी बहन की गोद से फिसल गई थी. मासूम के माता-पिता उसे एक डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ. मासूम का दर्द बद से बदतर होता गया. आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता मासूम के इलाज पर पैसा खर्च करने में असमर्थ थे. इसी दौरान मासूम गुल सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हो गई. दो समस्याओं से मासूम गुल जूझ रही थी. 12 सालों तक गुल कमजोर कंधों पर पीड़ा सहन करती रही.
‘डॉक्टर हमारे लिए भगवान’
गुल के भाई याकूब कुंबार ने बताया कि पिछले साल मार्च में बहन के इलाज के लिए भारत आए थे. इस दौरान बहन अफशीन को लेकर एक ब्रिटिश पत्रकार अलेक्जेंड्रिया थॉमस ने उस पर एक स्टोरी की. इसके बाद एक दयालु डॉ. राजगोपालन कृष्णन ने संपर्क किया. उन्होंने मुफ्त में बहन का इलाज करने की पेशकश की. हम बहुत खुश हैं. डॉक्टर ने मेरी बहन की जान बचाई है. हमारे लिए, वो भगवान से कम नहीं है.
4 मेजर ऑपरेशन से गुजरी गुल, मिला नया जीवन
वहीं, डॉक्टर का कहना है कि यह शायद दुनिया में अपने तरह का पहला मामला है. पीड़ित गुल के इलाज के खर्चों में एक ऑनलाइन फंडराइजर ने मदद की है. गुल की गर्दन को ठीक करने के लिए चार मेजर ऑपरेशन किए गए. मुख्य सर्जरी फरवरी में की गई थी, जो कि छह घंटे पूरी हो सकी थी. वहीं, गुल के भाई का कहना है कि डॉ. कृष्णन ने हमें बताया था कि ऑपरेशन के दौरान बहन का दिल या फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं. तब हम बहुत घबरा गए थे, लेकिन उनके प्रयासों और सुपर विजन के कारण ऑपरेशन सफल रहा.