Dumka Lok Sabha Seat: दुमका सीट पर रहा JMM का दबदबा, 2019 में BJP ने रोका शिबू सोरेन का विजयरथ, जानें इतिहास
दुमका लोकसभा सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिग्गज नेता शिबू सोरेन का गढ़ रहा है. यहां से उन्होंने 8 बार जीत दर्ज की है. हालांकि 2019 में वह बीजेपी केे सुनील सोरेन से हार गए थे. अब 2024 के महासंग्राम में बीजेपी ने एक बार फिर सुनील सोरेन को टिकट देकर मैदान में उतारा है. जानिए क्या है दुमका सीट का समीकरण और इतिहास...
दुमका झारखंड की चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुखिया रहे शिबू सोरोन ने भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद उन्होंने बीेजेपी के उम्मीदवार सुनील सोरेन को करारी शिकस्त दी थी. हालांकि 2019 के चुनाव में सुनील ने शिबू सोरेन को चुनाव हरा दिया था.
इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन ने आठ बार यहां से जीत हासिल की थी. इस सीट को शिबू सोरेन का गढ़ माना जाता था. बीजेपी की बात करें तो एक बार फिर उसने सुनील सोरेन को टिकट देकर मैदान में उतार दिया है.
दुमका सीट का सियासी इतिहास
दुमका में पहली बार 1952 में चुनाव हुआ और कांग्रेस के पॉल जुझार सोरेन यहां के पहले सांसद चुने गए. इसके बाद 1957 में देबी सोरेन झारखंड पार्टी से लोकसभा पहुंचीं. वहीं 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के एससी बेसरा लगातार तीन बार सांसद चुने गए. फिर 1977 में जनता पार्टी के बटेश्वर हेम्ब्रम ने जीत दर्ज की.
वहीं 1980 के लोकसभा चुनाव में पहली बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन ने ताल ठोंकी और सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे. हालांकि 1984 में कांग्रेस के पृथ्वी चंद किस्कू जीते. लेकिम 1989 में शिबू सोरेन ने फिर वापसी की. यह जीत का सिलसिला 1991 और 1996 में भी चला.
इसके बाद 1998 में यहां से बीजेपी का खाता खुला और बाबूलाल मरांडी जीतकर लोकसभा पहुंचे. उन्होंने 1999 के चुनाव में भी जीत दर्ज की. हालांकि 2002 के उपचुनाव शिबू सोरेन फिर इस सीट पर काबिज हो गए. इसके बाद वह 2004, 2009 और 2014 में भी सांसद बने. हालांकि 2019 के चुनाव में वह बीजेपी के सुनील सोरेन से चुनाव हार गए.
मतदाता और सामाजिक तानाबाना
2019 के डाटा के मुताबिक कर्नाटक की दुमका लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 10 लाख 25 हजार 968 है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 20 लाख 59 हजार 611 है. यहां की लगभग 92 फीसदी आबादी गावों में रहती है, वहीं 8 फीसदी आबादी शहर में रहती है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर एससी समुदाय की आबादी 7.84 प्रतिशत है और एसटी समुदाय की आबादी 37.39 प्रतिशत है.
2019 चुनाव का परिणाम
- विजेता – सुनील सोरेन (बीजेपी)
- वोट मिले – 484,923
- वोट (%) – 47.26
- उपविजेता – शिबू सोरेन (झामुमो)
- वोट मिले – 4,37,333
- वोट (%) – 42.63
- अंतर 47,590
2014 चुनाव का परिणाम
- विजेता – शिबू सोरेन (झामुमो)
- वोट मिले – 3,35,815
- वोट (%) – 37.19
- उपविजेता – सुनील सोरेन (बीजेपी)
- वोट मिले – 2,96,785
- वोट (%) – 32.86
- अंतर 1,78,026
कब किसने मारी बाजी
- 1952 – पॉल जुझार सोरेन – कांग्रेस
- 1957 – देबी सोरेन – झारखंड पार्टी
- 1962 – एससी बेसरा – कांग्रेस
- 1967 – एससी बेसरा – कांग्रेस
- 1971 – एससी बेसरा – कांग्रेस
- 1977 – बटेश्वर हेम्ब्रम – जनता पार्टी
- 1980 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 1984 – पृथ्वी चंद किस्कू – कांग्रेस
- 1989 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 1991 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 1996 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 1998 – बाबूलाल मरांडी – भाजपा
- 1999 – बाबूलाल मरांडी – भाजपा
- 2002 (उपचुनाव) – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 2004 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 2009 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 2014 – शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा
- 2019 – सुनील सोरेन – भाजपा