सैनिकों के शौर्य को कम आंकती रही कांग्रेस, उनके पास ना विजन ना बातों में वजन : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजस्थान के दौसा के धनावड़ में गहलोत सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर घेरा. पीएम ने कहा कि राज्य में अब डबल इंजन सरकार की जरूरत है जिससे यहां कानून का राज फिर से कायम हो पाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजस्थान के दौसा पहुंचे जहां पीएम ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन किया. वहीं एक्सप्रेस वे का उद्धाटन करने के बाद पार्टी की ओर से धनावड़ में रखी गई जनसभा में पीएम ने राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बिगुल बजा दिया. पीएम ने जनसभा में वहां मौजूद भीड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये ट्रेलर है..फिल्म अभी बाकी है. वहीं पीएम ने राजस्थान में गहलोत सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर घेरते हुए कहा कि राज्य में अब डबल इंजन सरकार की जरूरत है. वहीं पीएम ने सीएम अशोक गहलोत के पुराना बजट पढ़ने पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पास कोई विजन नहीं है.
उन्होंने कहा कि दशकों तक राजस्थान को कुछ लोगों ने बीमारू राज्य कहकर चिढ़ाया है लेकिन बीजेपी विकसित भारत का सबसे मजबूत आधार राजस्थान को बना रही है. बता दें कि जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और जसकौर मीणा के अलावा वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ के अलावा नेता मंच पर मौजूद रहे.
सैनिकों के शौर्य को कांग्रेस ने कम आंका : मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमनें अंडमान निकोबार द्वीप समूह में द्वीपों के नाम शहीद सपूतों के नाम पर किया है और झुंझुनूं के रहने वाले पीरू सिंह के नाम पर भी पीरू द्वीप है और जोधपुर के शैतानसिंह के नाम पर शैतानसिंह द्वीप है. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सैनिकों के शौर्य को कम आंकने का काम किया है और कांग्रेस के पास विजन की कमी है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारें सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का इसीलिए विकास नहीं करती थीं क्योंकि वो डरती थीं कि कहीं दुश्मन हमारी ही बनाई सड़कों से चलकर देश के भीतर आ जाएगा. पीएम ने कहा कि हमारी सेनाएं कमजोर नहीं हैं और सीमा पर दुश्मनों को रोक देना, दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना हमारी सेनाओं को बखूबी आता है.
गहलोत के ‘पुराना बजट’ पढ़ने पर तंज
वहीं पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभी जो राजस्थान में बजट सत्र हुआ उसकी चर्चा पूरे देश में है. पीएम ने एक पुराने किस्से का जिक्र करते हुए कहा कि – जब मैं संघ का काम करता था, एक दिन प्रवास से लौटने के बाद वरिष्ठ साथी ने भोजन का आग्रह किया, मैं स्नान कर उनके साथ गया. वो एक स्वयंसेवक के घर शादी का कहकर ले गए. जिसके घर ले गए वो अपनी दुकान में काम कर रहा था..घर में गए और कहा कि आज तो शादी का निमंत्रण था.
मोदी ने कहा कि बाद में जब हमने कार्ड देखा तो पता चला कि वो पिछले साल उसी तारीख का कार्ड था. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि गलती किसी से हो सकती है लेकिन कांग्रेस के पास न विजन है और वजन और बजट और घोषणाओं को लागू करने का कांग्रेस का कोई ईरादा नहीं है. पीएम ने कहा कि सवाल ये नहीं है कि कौनसा बजट पढ़ा बल्कि सवाल यह है कि पिछला बजट भी सालभर से डिब्बे में बंद पड़ा था.
कानून व्यवस्था पर मोदी का निशाना
मोदी ने आगे कहा कि राज्य में अगर डबल इंजन की सरकार होती तो यहां का विकास बहुत तेजी से होता. मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस हर काम को लटकाने का काम करती है.
उन्होंने गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान से जैसी खबरें पिछले कुछ समय से आई है, उनका संदेश एक ही है राज्य में बीजेपी सरकार को वापस लाना होगा तभी यहां का गौरव बचा रहेगा और तभी राजस्थान में कानून का राज वापस बन पाएगा और राजस्थान की जनता के बीच डबल इंजन सरकार को लेकर उत्साह है.
ERCP पर पहली बार बोले मोदी
वहीं पीएम मोदी ने ईआरसीपी को लेकर कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पानी की समस्या खत्म करने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है और इससे जुड़ी समिति ने इसे प्राथमिकता सूची में लिया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही राजस्थान और मध्यप्रदेश की सरकारों के बीच जल बंटवारे को लेकर समझौता हो जाएगा उसके बाद केंद्र सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी.
मालूम हो कि इससे पहले गहलोत ने पीएम के सामने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की मांग दोहराई. गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर मैं पीएम मोदी से आग्रह करता हूं कि वह इसको राष्ट्रीय परियोजना बनाएं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पानी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और 13 जिलों की प्यास बुझाने वाली इस योजना को केंद्र सरकार गंभीरता से लेकर इसे राष्ट्रीय दर्जा दें.