उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को फिर ED का समन, 2 अप्रैल को होना है पेश
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को ED ने फिर समन जारी किया है. वन विभाग की जमीन कर, अवैध कब्जे और पेड़ काटने के मामले में समन जारी किया गया है. इस समन के मुताबिक उन्हें 2 अप्रैल को पेश होना है.
प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को फिर से PMLA के तहत पूछताछ के लिए समन जारी किया है. ईडी ने हरक सिंह रावत को वन विभाग की जमीन कर, अवैध कब्जे और पेड़ काटने के मामले में समन जारी किया है. ये समन 2 अप्रैल के लिये किया गया है. इससे पहले समन पर हरक सिंह रावत ED के सामने पेश नहीं हो पाए थे.
उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ईडी ने पूर्व मंत्री के खिलाफ शिकंजा कस दिया है. ईडी ने उन्हें समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है. हरक सिंह रावत के साथ ही उनकी बहू को भी इससे पहले समन भेजा गया था. ईडी ने इनको 29 फरवरी को पूछताछ के लिए समन जारी किया था लेकिन वो तब भी पेश नहीं हो पाए थे.
क्या है हरक सिंह रावत पर मामला?
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री पर दर्ज ये मामला तब का है जब वो राज्य में वन मंत्री थे. पिछले दिनों 7 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने हरक सिंह रावत समेत कई अन्य आरोपियों के कुल 16 ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया था. इनमें दिल्ली, उत्तराखंड के अलावा चंडीगढ़ और पंचकूला है. साल 2019 और 20 के दौरान पाखरो में टाइगर सफारी निर्माण के लिए करीब 100 हेक्टेयर वन भूमि पर विकास कार्य शुरू किया गया था. उस दौरान बताया गया कि डेढ़ सौ से ज्यादा पेड़ काटे गए थे लेकिन जांच में पता चला कि इससे कहीं ज्यादा पेड़ काटे गए थे.
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सैटेलाइट निरीक्षण से जुटाए गए सबूत
बाद में इस मामले में फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने पूरे इलाके का सैटेलाइट निरीक्षण किया और सबूतों को इकट्ठा किया गया. एनजीटी की रिपोर्ट के आधार पर उसमें तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत का नाम निकलकर सामने आया. उस रिपोर्ट में हरक सिंह रावत की भूमिका को लेकर विस्तार से जिक्र किया गया. रिपोर्ट में वन विभाग के आठ वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में भी जिक्र किया गया था. इस मामले में उत्तराखंड वन विभाग ने कार्बेट में तैनात कई अधिकारियों को निलंबित भी किया था.