‘महाप्रलय दर पर, मुंबई को निगल जाएगा समंदर, गिनती के दिन बाकी’- UN की चेतावनी

‘महाप्रलय दर पर, मुंबई को निगल जाएगा समंदर, गिनती के दिन बाकी’- UN की चेतावनी

यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि समुद्र का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. इससे मुंबई, ढाका, लंडन और न्यूयॉर्क समेत दुनिया के कई शहरों और द्वीपों का अस्तित्व संकट में है.

मुंबई: कयामत के दिन नजदीक हैं. मुंबई में जलजला करीब है. जल्दी ही वो दिन आने वाला है, जब सारा शहर समंदर में समाने वाला है. यह कोई अफवाह नहीं है. डराने के लिए कही गई कोई बात नहीं ही. यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) ने दी है. यूएन ने समुद्र में बढ़ते हुए जलस्तर को लेकर चिंता जताई है. यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि जिस तरह से समुद्र मं जलस्तर तेजी से ऊपर उठ रहा है, उससे जल्दी ही मुंबई, न्यूयॉर्क और लंडन जैसे शहर समंदर में डूब जाएंगे.

यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया भर में बदल रहे मौसम को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि मुंबई और न्यूयॉर्क जैसे शहरों को समुद्र के जल स्तर के बढ़ने से गंभीर संकट में घिर सकते हैं. इसलिए दुनिया को मौसम बदलने के संकट का सामना करने के लिए जोरदार कोशिश करनी चाहिए. समुद्र का बढ़ता जलस्तर हमारा भविष्य डुबाने वाला है. हमारे दरवाजे पर एक बड़ा संकट खड़ा है.

मुंबई समेत समुद्र तटीय कई इलाकों और देशों के अस्तित्व का संकट

दुनिया भर के छोटे द्वीप, समुद्र किनारे के शहर और इनमें रहने वाले लाखों-करोड़ों लोगों के सामने पैदा हुए इस संकट के लिए यूएन सुरक्षा परिषद में चर्चा हुई. चर्चा का मुद्दा था- ‘समुद्र में जलस्तर की वृद्धि- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए उपाय.’ इसी चर्चा में एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, ‘समुद्र के जलस्तर में बढ़ोत्तरी एक बड़ी चिंता की वजह है. इससे कई शहर, तटीय इलाकों के कई हिस्से और देशों का अस्तित्व खतरे में है.’

बीसवीं सदी से खतरे का आगाज, इक्कीसवीं सदी में अंजाम तक

गुटेरेस ने कहा कि पिछले 3 हजार सालों की स्टडी करें तो अब तक किसी भी सदी के मुकाबले 1900 के बाद की सदी मे जलस्तर तेजी से ऊपर उठता हुए दिखाई दे रहा है. समुद्र का जल स्तर तेजी से बढ़ने की शुरुआत पिछले दो सदियों से हुई है.

मुंबई, ढाका समेत इन शहरों का अस्तित्व खतरे में

दुनिया में महासागर पिछली सदी में इससे पहले की 1100 सदियों के मुकाबले या अब तक के किसी भी कालखंड से ज्यादा तेजी से गरम हुआ है. दुनिया में तापमान में बढ़ोत्तरी की सीमा अगर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक भी रही, तब भी समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा. गुटेरेस ने कहा कि इसका असर दुनिया भर के छोटे-बड़े देशों को भोगना पड़ेगा. उन्होंने कैरो, लागोस, मापुटो, बैंकॉक, ढाका, जकार्ता, मुंबई, शंघाई, कोपेनहेगन, लंडन, लॉस एंजेलिस, न्यूयॉर्क, ब्यूनस आयर्स और सैंटियागो जैसे शहरों का नाम लिया.