दिन में धरना प्रदर्शन, फिर रातभर चलता है डांस… किसानों के ‘कब्जे’ में मेरठ का थाना
मेरठ जिले का परतापुर थाना इस समय किसानों के कब्जे में है. चार दिन से किसान यहां धरने पर बैठे हैं. रात होते ही यहां किसानों का रंगारंग कार्यक्रम शुरू हो जाता है. रातभर नाच-गाना चलता है और खाना-पानी भी यहीं बनता है. सुबह होते ही किसानों का फिर से धरना शुरू हो जाता है.
गन्ना समिति के डेलीगेशन में धांधली को लेकर किसानों ने मेरठ का परतापुर थाना घेरा हुआ है. इस दौरान किसान अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं. सोमवार शाम को किसानों ने भोजन भी किया और जमकर थाने में ठुमके भी लगाए. किसानों की मांग है कि गन्ना समिति के डेलीगेट के चुनाव को निरस्त कर पुनः करवाया जाए.
इस समय गन्ना समिति के डेलीगेट के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. चुनाव के लिए पर्चे भी भरे जा चुके हैं. इसी बीच 102 पर्चे सरकार के दवाब में नियम विरुद्ध खारिज करने का आरोप लगाते हुए किसानों का धरना चल रहा है. किसान मेरठ के परतापुर थाने में धरना देकर पिछले करीब चार दिनों से बैठे हुए हैं. थाने में ही किसान सोना, जागना, उठाना, बैठना, खाना-पीना और नाच-गाना कर रहे हैं.
सोमवार को किसानों ने रात के समय थाने में जमकर नाच-गाना किया. नाच गाना चलता रहा और किसान मस्त होकर अपना मनोरंज करके समय काटते नजर आए. कोई ठुमके लगा रहा था तो कोई जमीन पर लेट-लेटकर नाचता नजर आया. इसी से किसानों का मनोरंजन चल रहा है. इस पूरे नाच-गाने का वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. वीडियो में देखा जा सकता है कि किसान नाच-गाना कर रहे हैं और पुलिस मात्र मुकदर्शक बनी बैठी है.
थाने में खड़े हैं किसानों के ट्रैक्टर
मेरठ के परतापुर थाने में किसानों के धरने में अलग-अलग रंग देखने के लिए मिल रहे हैं. किसान शाम होते ही पूरे थाने में गद्दे डालकर बैठ जाते हैं. खाना पकाना शुरू हो जाता है और रागिनी बजने लगती है. किसान वहीं भोजन कर रहे हैं और वहीं नाच-गा रहे हैं. ऐसे पुलिस भी हाथ पर हाथ रख कर बैठी रहती है. किसानों का कहना है चाहे कुछ भी हो जाए, जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक धरना खत्म नहीं करेंगे. किसान नेता विजयपाल सिंह ने आमरण अनशन रखा हुआ है, जिसके अब चार दिन पूरे हो गए हैं.
डीएम ने भी किसानों से की वार्ता
मेरठ के डीएम दीपक मीणा ने किसानों को वार्ता के लिए बुआलया था. किसानों से काफी देर तक चर्चा भी चली, लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े रहे. किसानों का कहना है कि चुनाव को रद्द कर दिया जाए. किसानों ने कहा कि ये चुनाव किसानों का होता है और इसमें किसका दवाब नहीं माना जाएगा. मेरठ डीएम दीपक मीणा ने कहा कि किसानों को वार्तालाप में समझाने का प्रयास किया गया था और अभी भी प्रयास जारी है.