Earthquake: उत्तराखंड में 12 घंटे में तीन बार हिली धरती, अब निकोबार भी कांपा

Earthquake: उत्तराखंड में 12 घंटे में तीन बार हिली धरती, अब निकोबार भी कांपा

उत्तराखंड में एक के बाद एक तीन झटके के बाद अब सोमवार सुबह निकोबार द्वीप समूक्ष क्षेत्र की धरती भूकंप से कांप गई है. भूकंप की तीव्रता 5.0 मापी गई है. अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है.

Earthquake: अंडमान-निकोबार के निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में सोमवार तड़के 5.07 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 5.0 मापी गई है. भूकंप से अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है.

वहीं, उत्तराखंड के उत्तराकाशी में रविवार-सोमवार रात को 12 घंटे भीतर भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए. पहला झटका भटवारी ब्लॉक के सिरोर जंगल में 12.45 बजे महसूस किया गया था. भूकंप की तीव्रता 2.5 थी. दूसरा झटका भी इसके थोड़ी देर बाद आया. वहीं, तीसरा झटका सुबह करीब 10.10 बजे आया. इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 1.8 मापी गई. भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी का उत्तरीक्षेत्र बताया गया है.

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घरों से बाहर निकले लोग

एक के बाद एक तीन झटके महसूस होने के बाद लोग भी दहशत में आ गए थे. वैसे भी उत्तराकाशी का इलाका भारत के भूकंपीय क्षेत्र ‘वी जोन’ (अधिकतम जोखिम) में आता है. ऐसे में भूकंप के झटके आने के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए थे. राहत की बात रही कि भूकंप की इन झटकों ने किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो महीने में उत्तराखंड में भूकंप के 12 झटके महसूस किए गए हैं.

तुर्की में आया था विनाशकारी भूकंप

पिछले महीने तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में 45 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई थी. भूकंप की वजह से बड़ी-बड़ी इमारतें धाराशायी हो गई थी. लोगों को घर से बाहर निकलने तक का समय नहीं मिला था.

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भूकंप के झटकों के बारे में आपको बता दें कि रिएक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है. इन भूकंपों की तीव्रता इतनी कम रहती है कि ये जल्दी महसूस भी नहीं किए जाते हैं. 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप माइनर कैटेगरी में आते हैं. वहीं, 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले झटकों को बहुत हल्का माना जाता है. ये झटके एहसास तो कराते हैं लेकिन इनसे किसी भी प्रकार के नुकसान की संभावना न के बराबर होती है.