दर्दनाक! खदान में ब्लास्ट, 1 KM दूर तक उछला पत्थर; पार्क में टहल रही लड़की के सिर के उड़े चीथड़े

दर्दनाक! खदान में ब्लास्ट, 1 KM दूर तक उछला पत्थर; पार्क में टहल रही लड़की के सिर के उड़े चीथड़े

जशपुर छत्तीसगढ़ में पत्थरों के खदान में ब्लास्ट का मामला सामने आया है. ब्लास्ट इतने तेज हुए कि करीब एक किमी दूर पार्क में टहल रही लड़की का सिर फट गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. डीएम ने मामले में एफआईआर के आदेश दिए हैं.

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले स्थित पत्थरों में हैवी ब्लास्ट के मामले सामने आए हैं. इस ब्लास्ट की वजह से खदान के पत्थर आधा से एक किमी तक गए हैं. इन्हीं पत्थरों की चपेट में आने से करीब एक किमी दूर पार्क में टहल रही एक लड़की का सिर फट गया है. इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं डीएम ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. यह घटना जशपुर जिले में कुनकुरी के पास मयाली में बुधवार शाम का है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह ब्लास्ट इतना बड़ा था कि धमाके की आवाज तीन से चार किमी तक सूनी गई. वहीं ब्लास्ट के दौरान खदान से पत्थर उछल कर एक किमी के दायरे में फैल गए. इन्हीं में से एक पत्थर करीब एक किमी दूरी पर स्थित पार्क में टहल रही लड़की के सिर पर लगा. इससे उसके सिर के चिथड़े उड़ गए. इससे मौके पर ही लड़की की मौत हो गई. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की पहचान कराई है. लड़की खटांगा गांव की रहने वाली थी और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करती थी और बुधवार को स्कूल से लौटने के बाद पार्क में टहल रही थी.

एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस

डीएम के आदेश पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि किस खदान में यह ब्लास्ट हुआ है. दरअसल पार्क के एक किमी के दायरे में कई खदाने हैं और इन खदानों में से लगातार पत्थर भी निकल रहे हैं. ऐसे में पुलिस एक एक खदान घूम कर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि इतना बड़ा ब्लास्ट किस खदान में हुआ और क्यों हुआ.

पत्थरों को तोड़ने के लिए होते हैं ब्लास्ट

छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में सरकार ने पत्थरों की खदानें आवंटित की है. इन खदानों में पत्थरों को तोड़ने के लिए बारुद का इस्तेमाल होता है. हालांकि ब्लास्ट की इंटेंसिटी पहले से तय है. इसका अर्थ यह है कि निर्धारित इंटेंसिटी से ज्यादा के ब्लास्ट नहीं हो सकते. बावजूद इसके एक ही बार में अधिक से अधिक क्षेत्र में पत्थरों को तोड़ने के लिए हैवी ब्लास्ट होते रहते हैं.

ब्लास्टिंग की मंजूरी पर उठे सवाल

मयाली के खदानों में ब्लास्टिंग पर रोक है. यहां स्कूल हैं और आवासीय एरिया भी. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि यहां ब्लास्टिंग को कैसे मंजूरी दी गई. हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि यह ब्लास्टिंग बिना मंजूरी के हुई है. इसलिए मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. बता दें कि पिछले ही साल 29 सितंबर को यहां हैवी ब्लास्ट हुए थे. इसकी वजह से स्कूल के भवन में दरारें आ गई थीं. एसपी डी रविशंकर के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उधर, जशपुर कलेक्टर रवि मित्तल ने बताया कि इस संबंध में ठेकेदार एवं खदान मैनेजर समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है.