‘…तो जीवन भर के लिए बाहर कर दिया जाता’, विजय शाह के बयान पर भड़के चिराग पासवान

कर्नल सोफिया कुरैशी पर बयान को लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह विवादों से घिर गए हैं. दो बार माफी मांगने के बाद भी उनकी इस हरकत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त है. इस बीच चिराग पासवान ने कहा कि सेना की वजह से ही हम हैं, अगर वह हमारी पार्टी में होते तो लाइफटाइम के लिए छुट्टी दे दी जाती.
कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान को लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जहां एक तरफ विपक्ष इस्तीफे की मांग कर रहा है. वहीं, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक राहत के आसार नजर नहीं आ रहें हैं. इस बीच एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी विजय शाह की आलोचना की है. उन्होने कहा कि अगर विजय शाह उनकी पार्टी में होते तो उन्हें जीवन भर के लिए निष्कासित कर दिया जाता.
कर्नल कुरैशी पर टिप्पणी करने के बाद मंत्री जी दो बार माफी मांग चुके हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा मंत्री की माफी घड़ियाली आंसू हैं. वहीं, चिराग पासवान का कहना है कि हमें अपने सैनिकों पर गर्व है. सेना की वजह से ही हम हैं, जो कोई भी उनकी तुलना आतंकवादियों से करता है, वह निंदनीय है. उसे समाज में जगह नहीं मिलनी चाहिए.
ऐसे बयान सेना का मनोबल गिराते हैं- चिराग
दरअसल, विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया को जानकारी देने वाली भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कह दिया था. इस बयान के बाद वे विवादों से घिर गए हैं. बीजेपी पार्टी ने भी अपने नेता के बय़ान से दूरी बना लिया है. अब बीजेपी के सहयोगी चिराग पासवान ने खुले तौर पर इसकी आलोचना करते हुए कहा, ‘ऐसे अपमानजनक बयान देश की सेना का मनोबल गिराते हैं.’
विजय शाह ने सफाई देते हुए कहा कि उनका यह बयान जुबान फिसलने के कारण हुआ. हालांकि अभी तक बीजेपी ने उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. इस विवाद पर न सिर्फ विपक्षी दलों बल्कि NDA के सहयोगी दलों ने भी नाराजगी जताई है. अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.अदालत ने कहा कि मंत्री के बयान से पूरा देश शर्मसार हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने SIT का किया गठन
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक SIT का गठन किया है. इसमें तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें एक महिला अधिकारी भी होंगी. खास बात यह है कि ये सभी अधिकारी मध्यप्रदेश के बाहर से होंगे ताकि निष्पक्ष जांच हो सके. यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. सेना और महिला अधिकारियों के सम्मान को लेकर सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.