ज्योतिष और स्वास्थ्य का क्या होता है संबंध ? जानिए ग्रह दोष के कारण कौन-कौन सी होती है बीमारियां
9 ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है. हर एक ग्रह का संबंध व्यक्ति के किसी न किसी शरीर के हिस्से से है. ग्रह के दोष के कारण कौन-कौन सी परेशानियां आती हैं जानें.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी 9 ग्रहों का व्यक्ति के जीवन के हर एक हिस्से में असर पड़ता है. ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को धन लाभ, भाग्योदय, सुख-समृद्धि, संतानसुख, दांपत्य जीवन और सेहत पर प्रभाव पड़ता है. ज्योति ष शास्त्र के अनुसार हर एक ग्रह का संबंध व्यक्ति के किसी न किसी शरीर के हिस्सों से जुड़ा हुआ होता है. ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव से व्यक्ति का स्वास्थ्य बहुत प्रभावित होता है. ज्योतिष में जब भी कोई पीड़ित ग्रह लग्न भाव में, षष्ठम और अष्टम से संबंध बनता है तो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां पैदा होती हैं. जब छठे भाव के स्वामी का संबंध लग्न भाव या अष्टम भाव से होता है तो सेहत संबंधी परेशानियां आती हैं. इसके अलावा जब छठे भाव का स्वामी एकादश में हो तो व्यक्ति को रोग पैदा होते हैं. वहीं जब छठे भाव के स्वामी अष्टम भाव में हो तो व्यक्ति को कोई लंबी बीमारियां का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं किसी ग्रह के दोष के कारण कौन-कौन सी परेशानियां आती हैं.
सूर्य ग्रह के पीड़ित होने पर रोग ह्रदय रोग, पेट, पित्त, दायीं आंख, घाव, गिरना
चंद्रमा के पीड़ित होने पर रोग शरीर के तरल पदार्थ, रक्त, बायीं आँख, छाती, दिमागी परेशानी, महिलाओं में मासिक चक्र की अनिमियतता
मंगल से पीड़ित होने पर रोग सिर का चोट, रक्त संबंधित बीमारियां, दुर्घटना, जलना, घाव, शल्य क्रिया, उच्च रक्तचाप, और गर्भपात
बुध से पीड़ित होने पर रोग गले, नाक, कान, फेफड़े और आवाज से संबंधित रोग पैदा होते हैं.
गुरु से पीड़ित होने पर रोग शरीर में चर्बी, मधुमेह और कान से जुड़ी बीमारियां
शुक्र ग्रह के पीड़ित होने पर रोग मूत्र में जलन, गुप्त रोग, आंख, आंतें, पथरी का रोग होता है
शनि से पीड़ित होने पर रोग नसों से संबंधी रोग, लकवा, उदासी, थकान संबंधी बीमारियां.
राहु से पीड़ित होने पर रोग हड्डियां, जहर, सर्प दंश और डर
केतु से पीड़ित होने पर रोग हकलाना, पहचानने में दिक्कत, आंत से संबंधी बीमारियां.