Ganga Saptami 2023: गंगा में नहाने और जल लाने का भी होता है नियम, अनदेखी करने से लगता है महापाप

Ganga Saptami 2023: गंगा में नहाने और जल लाने का भी होता है नियम, अनदेखी करने से लगता है महापाप

यदि आप गंगा सप्तमी के पर्व पर गंगा में स्नान और दान की कामना रखते हैं तो आपको ऐसा करते समय कुछेक बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा आपको पुण्य की बजाय मिल सकता है पाप.

सनातन परंपरा में गंगा नदी का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इसका अमृत जल जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति के साथ जुड़ा रहता है. जिस गंगा में आस्था की डुबकी लगाते ही व्यक्ति के पूर्व और इस जन्म से जुड़े सारे दोष और पाप दूर हो जाते हैं, उसके प्राकट्य से जुड़ा गंगा सप्तमी पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार भागीरथी कहलाने वाली मां गंगा से जुड़ा यह पर्व 27 अप्रैल को मनाया जाएगा. यदि आप इस महापर्व पर गंगा तट पर जाकर स्नान, ध्यान और दान करने की सोच रहे हैं तो आपको नीचे बताए गये नियमों को जरूर ख्याल रखना चाहिए.

  1. गंगा जयंती के पावन पर्व पर यदि आप किसी गंगा तीर्थ पर जाएं तो वहां पर गंगा नदी के जल में हमेशा चप्पल और जूते उतारकर ही प्रवेश करना चाहिए.
  2. गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर यदि आप गंगा जी में स्नान करने जा रहे हैं तो भूलकर भी वहां पर अपने न तो कपड़े धोएं और निचोड़ें और न ही नहाते समय साबुन का प्रयोग करना चाहिए.
  3. गंगा सप्तमी के दिन गंगा तीर्थ पर जाकर भूलकर भी न तो किसी के प्रति बुरा भाव लाना चाहिए और न ही किसी को बुरा-भला नहीं कहना चाहिए.
  4. कई बार गंगा तीर्थ पर जाते समय अपने घर में पूजा-पाठ में प्रयोग लाई गई सामग्री का कूड़ा-कचरा फेंकने के लिए ले जाते हैं. गंगा नदी में कभी भूल कर भी पूजा अथवा अन्य प्रकार कचरा नहीं फेंकना चाहिए.
  5. सनातन परंपरा में न सिर्फ गंगा स्नान और पूजन करने के लिए नियम बताए गये हैं बल्कि गंगा जल को घर में लाने और उसे रखने के लिए का भी तरीका बताया गया है. यदि आप प्लास्टिक के पात्र में गंगाजल लेकर घर आते हैं तो उसका कोई महत्व नहीं रहता है. हिंदू मान्यता के अनुसार गंगा जल को किसी धातु से बने पात्र में रखने से उसकी पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है.
  6. हिंदू मान्यता के अनुसार घर में गंगा जल जाने के साथ उसे रखने के लिए भी नियम बताया गया है. घर में गंगा जल हमेशा घर के ईशान कोण में पवित्र स्थान पर रखना चाहिए और इसे कभी भी जूठे हाथों या फिर अपवित्र होकर स्पर्श नहीं करना चाहिए.
  7. यदि आप गंगा सप्तमी वाले दिन गंगा तट पर जाकर इस पावन पर्व का पुण्यफल पाने के लिए किसी विशेष चीज का दान करना चाहते हैं तो आपको उसे किसी जरूरतमंद या फिर कहें सुयोग्य व्यक्ति को ही इसे देना चाहिए. साथ ही साथ ऐसा करते समय आपको भूलकर भी अभिमान नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि अभिमान या फिर प्रदर्शन करते हुए जो भी चीज का दान किया जाता है, उसका पुण्यफल नहीं मिलता है.