हरभजन या सहवाग बन सकते हैं चीफ सेलेक्टर, बस BCCI को माननी होगी एक शर्त

हरभजन या सहवाग बन सकते हैं चीफ सेलेक्टर, बस BCCI को माननी होगी एक शर्त

BCCI की सीनियर सेलेक्शन कमेटी के मुखिया का पद पिछले करीब 10 दिनों से खाली है क्योंकि पूर्व चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया था.

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम की सेलेक्शन कमेटी का नया मुखिया कौन होगा? ये सवाल बीते कुछ दिनों से पूछा जा रहा है. एक कथित स्टिंग ऑपरेशन में कई तरह की विवादित बातें बोलने के कारण पिछले महीने ही मुख्य चयनकर्ता बने चेतन शर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था. ऐसे में पांच सदस्यों वाली सीनियर सेलेक्शन कमेटी फिलहाल चीफ सेलेक्टर के बिना ही चल रही है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) किसे नया चीफ सेलेक्टर बनाएगा, इसका जवाब हर कोई तलाश रहा है. क्या हरभजन सिंह वो नाम हो सकते हैं? पूर्व भारतीय स्पिनर से जब ये पूछा गया, तो उन्होंने खुलकर एक शर्त सामने रख दी, जिसके बाद ही वह इस पर विचार कर सकते हैं.

कुछ साल पहले तक जिस सेलेक्शन कमेटी में दिलीप वेंगसरकर, संदीप पाटिल, मोहिंदर अमरनाथ, किरण मोरे जैसे अनुभवी और दिग्गज पूर्व खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए चयन करते थे, उसमें बीते कुछ सालों में बेहद कम अनुभवी या बमुश्किल 2-3 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है. भारतीय क्रिकेट के दिग्गज नाम इस काम से अपना मुंह मोड़ने लगे हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जाती है सेलेक्टरों को मिलने वाली सैलरी और हरभजन सिंह इसे ही अपनी शर्त के तौर पर रखते हैं.

‘कोच के बराबर मिले सैलरी’

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए दिग्गज ऑफ स्पिनर से चीफ सेलेक्टर बनने को लेकर सवाल पूछा गया, तो हरभजन ने साफ किया कि भविष्य में ऐसा हो भी सकता है लेकिन इसके लिए सैलरी बेहतर करनी होगी. हरभजन ने कहा, देखते हैं, अगर आगे चलकर कोच और सेलेक्टर को समान वेतन मिलता है, तो क्यों नहीं? कोच को हर वक्त टीम के साथ रहना होता है और योजनाएं बनानी होती हैं लेकिन टीम चयन भी उतना ही अहम है.

जानकारी के मुताबिक, BCCI की ओर से सेलेक्टर्स और मुख्य कोच को मिलने वाली सैलरी में बहुत बड़ा अंतर है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम इंडिया के मौजूदा मुख्य कोच राहुल द्रवि़ड़ को सालाना 7 करोड़ रुपये का वेतन मिल रहा है. वहीं सेलेक्शन कमेटी के प्रमुख को 1 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं, जबकि कमेटी के अन्य चार सदस्यों में प्रत्येक को 90 लाख रुपये मिलते हैं.

दिग्गज चाहिए तो बड़ी सैलरी भी देनी होगी

जाहिर तौर पर सैलरी में इतना फर्क होना भी पूर्व दिग्गजों के लिए इस काम को न चुनने की एक वजह है. खास तौर पर ऐसी स्थिति में, जब पिछले कुछ सालों में अलग-अलग स्पोर्ट्स चैनलों में कॉमेंटेटर और एक्सपर्ट के रूप में पूर्व खिलाड़ियों को कुछ वक्त के काम के लिए मोटी रकम मिलती है.हरभजन ने इसका ही हवाला देते हुए अपने पूर्व साथी वीरेंद्र सहवाग का जिक्र किया.

भज्जी ने कहा कि अगर वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज को चीफ सेलेक्टर बनाना होगा तो बोर्ड को वेतन पर भी नजर डालनी होगी क्योंकि बड़े रुतबे वाला खिलाड़ी को वेतन भी अच्छा देना होगा. हरभजन ने कहा कि क्रिकेट से जुड़े अन्य कामों के जरिए भी सहवाग जैसा दिग्गज सेलेक्टर से ज्यादा कमा सकता है और इसलिए बड़े नाम आने से बचते हैं.