इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों में छिड़ी जंग, सब कह रहे बेस्ट एम्प्लॉई लेंगे हम
Jobs in EV Sector: दूसरी इंडस्ट्रीज के मुकाबले ईवी इंडस्ट्री में औसत कार्यकाल काफी कम है. इस सेक्टर में लोग एक कंपनी में औसतन 1.8 साल ही टिकते हैं. इसलिए ईवी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां के बीच टैलेंटेड एम्प्लाइज को अपने पास रखने की मारामारी है.
EV Sector Jobs: भारत के ईवी सेक्टर में नौकरी बदलने के हाई रेट ने इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों (EV Companies) के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. इस सेक्टर के कर्मचारी तेजी से एक कंपनी से नौकरी छोड़कर दूसरी कंपनी में काम कर रहे हैं. अब दिग्गज ईवी कंपनियों के बीच टैलेंटेड कर्मचारियों (Talented Employees) को अपने पास रखने के लिए होड़ लगी हुई है. ईवी इंडस्ट्री में मीडियम से सीनियर लेवल की नौकरियों का औसत कार्यकाल 1.8 साल है. यह आंकड़ा दूसरी इंडस्ट्रीज की तुलना में कम है.
दूसरे सेक्टर में मीडियम से सीनियर लेवल का औसत कार्यकाल FMCG इंडस्ट्री में 4.1 साल, MSME सेक्टर में 3.6 साल, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) में पांच साल और स्टार्टअप में 1.9 साल है. ईटी के लिए स्टाफिंग कंपनी सीआईएल एचआर सर्विसेज ने लिंक्डइन डेटा पर बेस्ड इन सेक्टर में 268 कंपनियों में 271,778 कर्मचारियों के डेटा के आधार पर यह जानकारी दी है.
टैलेंटेड लोगों की भारी डिमांड
टैलेंटेड वर्कफोर्स की डिमांड ना केवल स्वदेशी कंपनियों में है, बल्कि ग्लोबल बिजनेस में भी है, जो लॉन्ग-टर्म रिटर्न के लिए इंडिया में भारी निवेश कर रहे हैं. लिंक्डइन पर पोस्ट किए गए ईवी जॉब्स के एनॉलिसिस के आधार पर सीआईएल के आंकड़ों के अनुसार, कुछ टॉप टैलेंट एम्पलाई चाहने वालों में हीरो इलेक्ट्रिक, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, मारुति सुजुकी, चार्जपॉइंट, Log9 मैटेरियल्स, फिस्कर, AMP EV और ZF शामिल हैं.
ईवी सेक्टर में 50% बढ़ेंगी जॉब्स
बंपर डिमांड ऐसे समय में देखी जा रही है जब ईवी इंडस्ट्री में कंपनियां अगले एक साल में भर्ती में 50% की वृद्धि करेंगी. इसलिए इनके बीच एक साथ टैलेंटेड लोगों को अपने पास रखने की होड़ है. ईवी, कंपोनेंट और बैटरी मैन्यूफैक्चरर्स, चार्जिंग, स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ईवी गाड़ियों के मेंटेनेंस करने वाली फर्म कैपेसिटी बढ़ाने और नए प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने के लिए मैनपावर को बढ़ाने पर विचार कर रही हैं.
यहां है ज्यादा मौके
ईवी सेक्टर में खासतौर पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D), डिपार्टमेंट हेड, ऑफ्टर सेल सर्विस और इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स जैसे स्पेशिस्ट रोल के लिए काफी होड़ है. इस सेक्टर में ऐसे लोगों की काफी डिमांड है जो स्किलफुल हैं और एक्सपीरिएंस रखते हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये सेक्टर ऐसा नहीं है जहां फ्रेशर्स के जरिए मैनवापर की पूर्ति की जा सके.