सागर हादसा: शिवलिंग बना रहे 9 बच्चों की मौत पर CM यादव का कड़ा एक्शन, DM-SP समेत 5 अफसर नपे

सागर हादसा: शिवलिंग बना रहे 9 बच्चों की मौत पर CM यादव का कड़ा एक्शन, DM-SP समेत 5 अफसर नपे

सागर जिले के शाहपुर में दीवार ढहने से 9 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. सीएम मोहन यादव ने इस घटना पर दुख जताया है. साथ ही उन्होंने कड़ा एक्शन लेते हुए डीएम-एसपी समेत पांच अधिकारियों पर कार्रवाई की है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट कर घटना पर संवेदना जताई.

मध्य प्रदेश में रविवार को सागर जिले में शाहपुर के हरदौल मंदिर परिसर से लगी दीवार अचानक से भरभरा कर गिर गई. इस हादसे में नौ बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना रहली विधानसभा क्षेत्र के शाहपुर गांव में एक मंदिर परिसर के पास धार्मिक कार्यक्रम के दौरान सुबह साढ़े आठ और नौ बजे के बीच हुई.

वहीं दीवार गिरने से नौ बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी (डीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी) और रहली के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) को हटाने का आदेश दिया है.

पीएचसी के डॉक्टर भी निलंबित

इसके अलावा उन्होंने शाहपुर नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉ. हरिओम बंसल और उप अभियंता को निलंबित कर दिया. साथ ही नगर निकायों को जर्जर भवनों का पता लगाने और कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.

50 साल पुरानी कच्ची दीवार गिरी

दरअसल शाहपुर गांव के मंदिर में शिवलिंग निर्माण और भागवत कथा का आयोजन चल रहा है. सावन के महीने में रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ था. इस दौरान मिट्टी के शिवलिंग बनाने के लिए आठ से 14 साल की उम्र के काफी बच्चे भी पहुंचे थे. वहीं सुबह जब वह शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर से सटी करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार भराभराकर उनके उपर गिर गई.

9 बच्चों की दर्दनाक मौत

इस हादसे में 9 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. तत्काल पुलिस और नगर परिषद को हादसे की जानकारी दी गई. जिसके बाद रेस्क्यू टीमों ने मलबे से बच्चों को निकाला. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि जर्जर मकान के पास पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्यक्रम चल रहा था, उसी दौरान दीवार गिर गई. भार्गव ने बताया कि घटना में जान गंवाने वाले कई बच्चे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे.

अस्पताल में हंगामा

हादसे के बाद बाद घायल बच्चों को जब आनन-फानन में अस्पताल लाया गया तो वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे. केवल एक कर्मचारी मौको पर मिला. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर अक्सर आते हैं और सिर्फ दस्तखत करके चले जाते हैं. अस्पताल में घायल बच्चों की मरहम-पट्टी करने वाला भी कोई नहीं था, जिससे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया.

Sagar Wall Collapse

जानकारी के मुताबिक हादसे में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि सात अन्य ने अस्पताल ले जाते समय या इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं दो घायल बच्चों का जिला अस्पताल में इलाज हो रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है. अधिकारियों के मुताबिक, मृतकों की पहचान ध्रुव यादव (12), नितेश पटेल (13), आशुतोष प्रजापति (15), प्रिंस साहू (12), पर्व विश्वकर्मा (10), दिव्यांश साहू (12), देव साहू (12), वंश लोधी (10) और हेमंत (10) के रूप में हुई है.

पीएम मोदी ने जताया दुख

वहीं इस घटना पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मध्यप्रदेश के सागर में दीवार गिरने से हुआ हादसा हृदयविदारक है. इसमें जान गंवाने वाले बच्चों के शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करे. साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है, जबकि घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की कार्रवाई

वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना में घायल बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने कहा कि शाहपुर नगर पंचायत ने जर्जर मकानों को चिह्नित कर नोटिस जारी किए थे लेकिन उसने स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी. उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने के दोषी पाए गए प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी और नगर पंचायत के एक उप-अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इस घटना पर दुख जताया. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि दीवार गिरने से बच्चों की मौत की यह दूसरी घटना है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश के मद्देनजर यह जरूरी है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं को टालने के लिए जर्जर भवनों एवं दीवारों का पता लगाए.