1 बार नहीं 10 बार कानून तोड़ना पड़ेगा तो तोड़ेंगे…11 साल पहले गडकरी ने क्यों सोच लिया था ऐसा?

1 बार नहीं 10 बार कानून तोड़ना पड़ेगा तो तोड़ेंगे…11 साल पहले गडकरी ने क्यों सोच लिया था ऐसा?

नितिन गडकरी ने शुक्रवार को अपनी किताब संघतिल मानवी व्यवस्थापन का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने याद किया कि कैसे 11 साल पहले ई-रिक्शा को शुरू करने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी और सोच लिया था कि ई-रिक्शा शुरू करने के लिए 1 बार नहीं 10 बार भी कानून तोड़ना पड़े तो वो तोड़ेंगे.

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पुस्तक ‘संघतिल मानवी व्यवस्थापन’ (संघ में मानव प्रबंधन) का शुक्रवार को विमोचन किया गया. यह किताब आरएसएस के ऑपरेशनल स्टाइल, वहां कैसे काम होता है इस पर जोर देती है. इस मौके पर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर भी मौजूद रहे. इस दौरान गडकरी ने बताया कि 11 साल पहले उन्होंने ई-रिक्शा लाने के लिए अहम कदम उठाए और कैसे सोच लिया था कि ई-रिक्शा लाने के लिए 1 बार नहीं 10 बार भी कानून को तोड़ना पड़ेगा तो तोड़ेंगे.

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने किताब को लेकर कहा,अक्सर, हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभावों का महत्व बाद में ही पता चलता है. नितिन गडकरी ने अपनी पुस्तक के जरिए आसान भाषा का इस्तेमाल करते हुए आरएसएस के लोकाचार और कार्यशैली का प्रभावी ढंग से दुनिया के सामने रखा है.

“राजनीति पैसा कमाने का धंधा नहीं”

किताब के विमोचन के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पैसा कमाना गुनाह नहीं है, मैं सभी कार्यकर्ताओं को बताता हूं कि पैसा कमाना चाहिए, लेकिन राजनीति पैसा कमाने का धंधा नहीं है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा मैं प्रमाणित तौर पर कहता हूं कि मैं इंजीनियरिंग की एडमिशन क्वालीफाई नहीं कर पाया, 12वीं क्लास में 52% अंक मिले थे.

ई-रिक्शा के लिए उठाया अहम कदम

एक घटना का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा की ज्यादा विचार करता तो सरकारी नौकर बनते, वो डेयरडेविल है, निर्णय करने का ढांढस रखता हूं, यह उनकी कैपिटल है, गडकरी ने कहा कि उनके जीवन का सबसे बड़ा काम साइकिल रिक्शा की जगह ई-रिक्श लाना रहा ,क्योंकि साइकिल रिक्शा में मानव, मानव को खींचता था वह काफी कष्टदायक था, 2014 में जब वो पहली बार मंत्री बने तो वो सोचने लगे कि 1 करोड़ व्यक्ति आदमी आदमी को खींचता है, दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि ये मानवी शोषण है ,जिस दिन यह बंद होगा ,वह देश के लिए सुनहरा दिन होगा, गडकरी ने कहा कि उन्होंने सोच लिया था कि इसके लिए एक बार नहीं 10 बार कानून तोड़ना पड़ेगा तो तोड़ेंगे.

ई-रिक्शा पर कानूनी लड़ाई को याद करते हुए गडकरी ने कहा, महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि अगर आप किसी गरीब व्यक्ति की मदद कर रहे हैं, तो आप एक बार नहीं बल्कि 10 बार कानून तोड़ सकते हैं. मैंने भी ऐसा ही करने का फैसला किया.

गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक रिक्शा ने एक आदमी के दूसरे आदमी को खींचने वाली “अमानवीय” प्रथा को खत्म कर दिया है, क्योंकि बड़ी संख्या में साइकिल रिक्शा चालक इलेक्ट्रिक वाहन चलाने लगे हैं. उन्होंने कहा, यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा पर स्विच करने से लगभग एक करोड़ लोगों को फायदा हुआ.

इनपुट बाय- शुभम गुप्ता