इस्लाम के नाम पर ‘कैंसर’ है पाकिस्तान, ISIS ने जिन्ना के मुल्क को बताया US का चमचा
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासान ने पाकिस्तान को इस्लाम के नाम पर 'कैंसर' बताया है. संगठन ने कहा कि पाकिस्तानी नेता अमेरिका के इशारे पर नाचते हैं और उसी की नीतियों को फॉलो करते हैं.
पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर ‘कैंसर’ है. जी हां, पाकिस्तान पर यह हमला इस्लामिक स्टेट के सहयोगी इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) ने किया है. आईएसकेपी का साउथ एशिया और सेंट्रल एशिया में बड़ा नेटवर्क है. इसी आतंकी संगठन की खोरासान यूनिट ने अपने मुखपत्र ‘खोरासान घाग’ में पाकिस्तान के इस्लामिक स्कॉलर्स और पाकिस्तान की सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं.
आतंकी संगठन ने दावा किया कि पाकिस्तान अमेरिका द्वारा बनाई गई नीतियों पर काम करता है और उसके नेता अमेरिका के इशारे पर नाचते हैं. आतंकी संगठन ने मुखपत्र में कहा कि 2018 में इमरान खान हेराफेरी के जरिए सत्ता में लाए गए थे, लेकिन जब उन्होंने रूस का दौरा किया तो वह सत्ता से बेदखल कर दिए गए. यह लेख पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर के अमेरिका के दौरान सामने आए थे, जिसमें कहा गया था कि वह उसी इशारे पर काम करेंगे, जो अमेरिका से उन्हें मिलेगा.
हैरानी की बात ये है कि एक आतंकी संगठन भी दूसरे का दुश्मन है. मसलन, अफगान तालिबान को पाकिस्तान का मोहरा बताता है. पाकिस्तान 75 सालों के इतिहास में पहली बार राजनीतिक संकट, आर्थिक और सुरक्षा के मुद्दों पर संकटों का सामना कर रहा है. आईएसकेपी ने पाकिस्तानी स्कॉलर मुफ्ती तकी उस्मानी, जिन्होंने कथित रूप से अफगानिस्तान में जिहाद पर फतवा जारी किया है, कहा कि उन्होंने पाकिस्तान में दंगे की वकालत की है.
पाकिस्तान के खिलाफ करते रहेंगे काम- आईएसकेपी
आईएसआईएस के सहयोगी आतंकी संगठन ने आगे कहा कि, इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी नेता, पत्रकार और स्कॉलर सिर्फ एक ही के फरमान को फॉलो करते हैं. पाकिस्तान सरकार के खिलाफ काम करने की चेतावनी देते हुए संगठन ने कहा कि वे किसी का एजेंडा फॉलो नहीं करते और अमेरिकी एजेंट को मारना जारी रखेंगे.
कैसे बना इस्लामिक स्टेट खोरासान?
आईएसकेपी 2014 में तहरीक-ए-तालिबान, अल कायदा और अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय तालिबान लड़ाकों के दलबदल के साथ उभरा था. इन दलबदल के मद्देनजर, इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया से कई टीटीपी कमांडरों सहित स्थानीय लड़ाकों से मिलने के लिए दूत भेजे. जनवरी 2015 में, इन कोशिशों को औपचारिक रूप दिया गया जब इस्लामिक स्टेट ने अपने “खोरासान” प्रांत के गठन की घोषणा की.