एक सदी पहले भेजा गया खत 100 साल बाद पहुंचा मंजिल तक, सच जानकर उड़ गए होश!

एक सदी पहले भेजा गया खत 100 साल बाद पहुंचा मंजिल तक, सच जानकर उड़ गए होश!

100 साल पहले पोस्ट किए गए खत का आखिर पूरा माजरा क्या है. इसे अपनी मंजिल तक पहुंचने में इतना समय क्यों लगा, जानिए इस लेख में

किसी भी खत को पहुंचने में देर-सवेर कुछ दिन या महीने लग सकते हैं. कोई खत लिखे गए पते पर पहुंचने में एक सदी यानी 100 साल से भी ज्यादा का वक्त लगा ले, तो इसे क्या कहेंगे? है न हैरत की बात. चलिए आज जिक्र करते ऐसे ही अजूबे मगर सच्चे किस्से का जिसमें, दर्ज है 100 साल से भी ज्यादा पहले पोस्ट किए गए एक खत के अब 100 साल बाद मंजिल पर पहुंचने की हैरान करने वाली कहानी. किस्सा उस खत का जिसे सन् 1916 में पोस्ट किया गया था.

इस कहानी की शुरुआत होती है इंग्लैंड के बाथ शहर से. जहां से लिखकर इस खत को पोस्ट किया गया था. अब जब 100 साल से भी ज्यादा वक्त गुजरने के बाद जब यह खत मंजिल पर पहुंचा, तो इसे प्राप्त करने वाले लोग भी हैरत में रह गए. खत के ऊपर पेनी जॉर्ज वी की मुहर मौजूद है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, खत संभवत: पहले विश्व युद्ध के बीच में कभी लिखा गया होगा. थियेटर निदेशक फिनले ग्लेन ने इस बारे में मीडिया से कहा, “खत को देखने पर शुरू में लगा कि यह सन् 2016 में लिखा गया होगा. क्योंकि खत के ऊपर लिखा अंक 16 तो साफ साफ नजर आ रहा था. 16 से पहले लिखे अंक साफ दिखाई नहीं पड़ रहे थे. जब खत की सन् के पहले वाले दो अंकों को गौर से देखा गया, तो उसे देखने वालों की आंखें चौंक गईं. खत के ऊपर तक 1916 दर्ज था. हम सब हैरत में थे कि आखिर यह अचंभा कैसे संभव हो सकता है कि, किसी खत को मंजिल पर पहुंचने में एक सदी का वक्त गुजर गया हो.”

किसने और किसे लिखा गया था खत?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खत के ऊपर किंग की मुहर लगी थी. इसने भी इस बात की पुष्टि की कि, खत 2016 का नहीं अपितु, 1916 में पोस्ट किया गया था. खत का इतिहास खंगाल कर उसे स्थानीय इतिहास संगठन के हवाले कर दिया गया. ताकि खत के बारे में और अनुसंधान संभव हो सके. और उसे संग्राहलय में सुरक्षित रखवाया जा सके. लोकल हिस्ट्री मैग्जीन The Norwood Review के संपादक स्टीफन ऑक्सफोर्ड कहते हैं, “यह खत किसी केटी मर्श को लिखा गया था. उनकी शादी ओसवल्ड मर्श नाम के स्टांप डीलर से हुई थी. मर्श की फ्रेंड क्रिस्टेबल मेन्नल ने उन्हें यह खत लिखा था. जोकि बाथ शहर में तब रहती थीं. खत में उन्होंने लिखा था कि मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है. उस दिन मैंने जो किया. उसके बाद से मुझे खुद पर शर्मिंदगी महसूस हो रही है, मैं यहां जबरदस्त सर्दी के चलते बेहद बुरे दौर से गुजर रही हूं.”

ऑक्सफोर्ड के ही मुताबिक, “उस वक्त यह खत किसी पोस्ट ऑफिस में अज्ञात कारणों के चलते खो गया था. जो संभव है कि अब रिनोवेशन के दौरान कहीं किसी को मिल गया हो और उसे उसके ऊपर दर्ज पते पर भेज दिया गया.” दर्ज पते पर पहुंचने में 100 साल गुजार देने के चलते चर्चित हुआ खत, जिसने भी लिखा है वो भी उस दौर के एक रईस चाय के व्यापारी की बेटी मानी जा रही है. तब अपर नॉरवुड और क्रिस्टल पैलेस दोनों जगहें उस जमाने में काफी भव्य और रमणीय हुआ करती थीं. जहां अपर मिडिल क्लास से संबंधित लोग निवास किया करते थे. इस खत का इतिहास जानने के बाद उसे हिस्ट्री ऑर्गेनाइजेशन के हवाले करने वाले ग्लेन काफी खुश हैं.