Afghanistan: पीटने और गालियां देने वाले पतियों के पास वापस भेज रहा तालिबान, महिलाएं बोली- शैतान लौट आया है

Afghanistan: पीटने और गालियां देने वाले पतियों के पास वापस भेज रहा तालिबान, महिलाएं बोली- शैतान लौट आया है

तालिबान के इस आदेश से बाद महिलाएं खौफ में है क्योंकि उन्होंने काफी मुश्किल से अपनी नई जिंदगी शुरू की थी.

अफगानिस्तान. तालिबान ने महिलाओं पर जुल्म करने और उनके मन में खौफ पैदा करने का अब एक नया तरीका ढूंढ लिया है. अफगानिस्तान में अब उन महिलाओं को वापस अपने पति के पास जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है जो उनकी रोज-रोज की मारपीट और गाली गलौज से तंग आकर अलग हुई थीं और तलाक लिया था. ऐसी हजारों महिलाओं में से एक है मारवा (बदला हुआ नाम) जो अब तालिबान के इस नए फरमान के बाद अब अपने 8 बच्चों के साथ जगह-जगह छिप रही है.

मारवा सालों तक पति का जुल्म सहती रही जिसने उसके सारे दांत तक तोड़ दिए थे. महीनों तक मारवा मार झेलनी पड़ी. घर में बंद कर दिया गया. उसके हाथ टूट गए और उंगलियां टूट गईं. हालांकि बाद में जब उससे ये दर्द सहन नहीं हुआ तो उसने पिछली अमेरिका समर्थित सरकार के तहत तलाक ले लिया.

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तालिबान ने रद्द किया तलाक

मारवा जैसी कुछ और महिलाओं ने उस दौरान अपने पति से तलाक लिया था. हालांकि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद उसके पति ने दावा किया कि उसे तलाक के लिए मजबूर किया गया था जिसके बाद कमांडरों ने उसे वापस अपनी पत्नी को अपने चंगुल में लाने का आदेश दे दिया. मारवा ने एएफपी को बताया कि तालिबान के इस आदेश के बाद मैं और मेरी बेटियां बहुत रोए. मैंने अपने आप से कहा, ‘हे भगवान, शैतान लौट आया है.

तालिबान सरकार इस्लाम की कठोर व्याख्या का पालन करती है और महिलाओं के जीवन पर गंभीर प्रतिबंध लगाती है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने “लिंग आधारित रंगभेद” कहा है. वकीलों ने एएफपी को बताया कि तालिबान कमांडरों के महिलाओं के तलाक को रद्द करने के बाद कई महिलाओं को उनकी अपमानजनक शादीशुदा जिंदगियों में वापस घसीटे जाने की सूचना मिली है.

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कई दिनों तक बेहोश, बच्चे खिलाते थे खाना

मारवा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि कई ऐसे दिन भी थे जब वह बेहोश पड़ी रहती थीं और उनकी बेटियां उन्हें खाना खिलाती थीं. उन्होंने बताया कि उनका पति उनके बाल इतनी जोर से खींचता था कि वो आधी गंजी हो गई थीं. इतनी जोर से मारता था कि उनके सारे दांत टूट गए थे. हालांकि बाद में उन्होंने हिम्मत जुटाई और अपने 8 बच्चों के साथ पति से सैंकड़ो किलोमीटर दूर भाग आई. उनके बच्चे कहते हैं कि कोई बात नहीं अगर हम भूखे हैं. कम से कम हम उस मारपीट से दूर हैं.

10 में से 9 महिलाएं हिंसा का शिकार

देश में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के अनुसार, अफगानिस्तान में 10 में से नौ महिलाएं अपने साथी की शारीरिक, यौन या मनोवैज्ञानिक हिंसा का शिकार हैं. इसके बावजूद अफगानिस्तान में महिलाओं का तलाक लेना वर्जित माना जाता है, और जो भी महिला अपने पति से अलग होने के बारे में सोचती है उसे माफ नहीं किया जाता.