भारत के बिना यूक्रेन में शांति संभव नहीं! EU राजदूत ने बताया क्यों है जरूरी?

भारत के बिना यूक्रेन में शांति संभव नहीं! EU राजदूत ने बताया क्यों है जरूरी?

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के एक साल पूरे गए हैं. जंग अब दूसरे साल में प्रवेश कर गई है. ऐसे में ईयू राजदूत का इंटरव्यू सामने आया है जिसमें उन्होंने यूक्रेन में शांति के लिए भारत की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया है.

रूस और यूक्रेन की जंग आज दूसरे साल में प्रवेश कर गई है. जंग कब खत्म होगी इसे लेकर अभी तक कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. इस बीच यूरोपीय संघ (EU) यूक्रेन संकट का एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने और दुनियाभर में खाद्य और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के प्रभाव का मुकाबला करने के प्रयासों में भारत की सक्रिय भागीदारी की ओर देख रहा है.

‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो और यूक्रेन के प्रभारी इवान कोनोवलोव ने कहा है कि रूस चाहे तो यह युद्ध को खत्म कर सकता है. इसके लिए उसे यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस बुलाना होगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में शांति के लिए भारत की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है. इन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत को जेलेंसी के शांति कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए.

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‘यूक्रेन लोगों के लिए बड़ी त्रासदी’

युद्ध शुरू होने के एक साल बाद की स्थिति को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए अस्तुतो ने कहा, हमें लगता है कि यह रूस की ओर से बिना किसी वजह के और अनुचित आक्रमण है जो यूक्रेनी लोगों के लिए बहुत बड़ी त्रासदी का कारण बन रहा है. हम नागरिकों पर बमबारी होते देख रहे हैं. हम नागरिकों के खिलाफ अपराधों के बढ़ते सबूत देखने को मिल रहे हैं.

अस्तुतो आगे कहते हैं, हम बुका के बारे में जानते हैं लेकिन दुर्भाग्य से वहां अन्य सबूत भी हैं. रूसी नेताओं की बयानबाजी को देखें तो हिंसा में वृद्धि को दर्शाते हैं. यूक्रेन को नाटो का हर तरह से समर्थन हासिल है. रूस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए. रूस को अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए और उसे एक शांतिपूर्ण पड़ोसी की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.

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यूक्रेन को कीमती कीमत चुकानी पड़ रही?

लड़ाई में यूक्रेन को क्या कीमत चुकानी पड़ रही है के सवाल का जवाब देते हुए अस्तुतो ने कहा, अगर आप हमसे कीमत चुकाने की बात की करते हैं तो यह अविश्सनीय क्षति है जो कि न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि पूरे शांतिपूर्ण विश्व के लिए है. कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि यूक्रेन में कितने निर्दोष लोग मारे गए हैं. सबसे पहले बच्चे, फिर महिलाएं, नागरिक और ऱफिर सैन्यकर्मी. हजारों निर्दोष लोगों को हमने खो दिया. हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, 21 वीं सदी के मूल्यों के सा था. ऐसे समय में यूक्रेन में जंग आधुनिक समाज और उसके मानकों के अनुसार अस्वीकार्य है.

जहां तक यूक्रेन में शांति के लिए भारत की भूमिका की बात है तो, मैं एक बार फिर दोहरा रहा हूं कि भारत ग्लोबाल साउथ लीडर है. रूस और यूक्रेन युद्ध को रोकने में भारत की भूमिका निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण होगी. हम यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की ओर से घोषित शांति कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत को आमंत्रित करना चाहते हैं.