डोनबास के कई शहरों की अर्थव्यस्था रूसी सैनिकों के भरोसे, अभी क्या चल रहा है?

डोनबास के कई शहरों की अर्थव्यस्था रूसी सैनिकों के भरोसे, अभी क्या चल रहा है?

Russia Ukraine War: आज से ठीक एक साल पहले यानी 24 फरवरी 2022 को दुनिया उस समय स्तब्ध रह गई थी जब रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया. दुनिया को लगा कि कुछ ही दिनों में युद्ध खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है.

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग आज दूसरे साल में प्रवेश कर गई है. पिछले एक साल की जंग में यूक्रेन को बहुत बड़ी तबाही झेलनी पड़ी है. हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई है. वहीं, रूस को भी आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. युद्ध कब खत्म होगी इसका अंदाजा लगा पाना अभी मुश्किल है. अमेरिका समेत नाटो देशों की मदद के बाद यूक्रेन पीछे हटने को तैयार नहीं है. दूसरी ओर से राष्ट्रपति पुतिन बार-बार कहते नजर आए हैं कि रूस को हराना संभव नहीं है. लड़ाई के एक साल पूरे होने पर देश-दुनिया भर के लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है.

रूस-यूक्रेन युद्ध की पहली वर्षगांठ के लेटेस्ट अपडेट्स-

  • पोलिश विदेश मंत्री के मुताबिक ये डिप्लोमैट्स रूस के प्रति सहानुभूति रखते हैं. यूरोप के कई देशों के डिप्लोमैट्स रूस में पढ़ाई किए हैं.
  • पोलैंड ने अपने उन सभी डिप्लोमेट को नौकरी से निकालने का ऐलान किया है जिन्होंने मास्को के इंटरनेशनल रिलेशंस इंस्टिट्यूट से पढ़ाई की थी.पोलिश विदेश मंत्री के मुताबिक ये डिप्लोमैट्स रूस के प्रति सहानुभूति रखते हैं.
  • डोनेट्स्क में काम कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि युक्रेनी सेना एंटी पर्सनल माईन्स का इस्तेमाल कर रही है जबकि एंटी पर्सनल माईन्स के युद्ध में इस्तेमाल पर प्रतिबंध हैं.
  • डोनेट्स्क, मारियोपोल या दूसरे शहरों में मौजूद सैनिकों द्वारा किए जा रहे खर्च से इन शहरों की इकॉनमी को सपोर्ट मिल रहा है. इन सैनिकों को अच्छा वेतन मिलता है और वो जिन जगहों पर तैनात है वहां खर्च कर रहे हैं.
  • सालगिरह पर एक बेहद दिलचस्प जानकारी सामने आई है. डोनबास के कई शहरों की अर्थव्यवस्था रूसी सैनिकों के भरोसे चल रही है.

रूस ने यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका के साथ परमाणु हथियारों के नियंत्रण को लेकर हुए समझौते को निलंबित कर दिया है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को रूस और अमेरिका से संयम बरतने और बातचीत के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. क्योंकि दोनों देश काफी ताकतवर देश हैं और इन दोनों में तनाव पैदा होती है तो सभी के लिए नुकसानदेह हो सकती है.