IRDAI ने ‘बीमा सुगम’ इंश्योरेंस एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को दी मंजूरी, मिलेंगी ये सुविधाएं
Bima Sugam : पॉलिसीधारकों के पास डीमैट अकाउंट की तरह एक ई-इंश्योरेंस अकाउंट होगा, जिसमें वह अपने और परिजनों के सभी इंश्योरेंस पॉलिसियों को अपनी पसंद के इंश्योरेंस रिपॉजिटरी में एक साथ रख सकेंगे.
Bima Sugam : भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ( Insurance Regulatory and Development Authority of India- IRDAI) ने ‘बीमा सुगम’ नामक एक बीमा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को अपनी मंजूरी दे दी है. यह बीमा एक्सचेंज बीमा खरीदने, दावा निपटान, बीमा और एजेंट पोर्टेबिलिटी आदि जैसी सभी बीमा सुविधाएं प्रदान करता है. बता दें कि आईआरडीएआई देश के सभी नागरिकों को किफायती दर पर स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है. जिससे लोगों को इस बीमा सुगम एक्सचेंज के तहत कई सुविधाओं का लाभ मिल सके. बीमा सुगम एक्सचेंज लोगों को पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम सेटेलमेंट तक की सुविधा प्रदान करता है.
बीमा सुगम एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर ही सभी इंश्योरेंस कंपनियों के प्रोडक्ट मिलेंगे. बीमा सुगम पर एजेंट के लिए पॉलिसी बेचने का भी विकल्प होगा. इंश्योरेंस प्लेटफार्म की मॉनिटरिंग आईआरडीए करेगी. बता दें कि बीमा सुगम एक्सचेंज में लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत, जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत, ऑनलाइन पीएसबी की हिस्सेदारी 35 फीसद और ब्रोकर एसोसिएशन की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है.
डीमैट खाते की तरह होगा ई-इंश्योरेंस खाता
इसक तहत पॉलिसीधारकों के पास डीमैट अकाउंट की तरह एक ई-इंश्योरेंस अकाउंट होगा, जिसमें वह अपने और परिजनों के सभी इंश्योरेंस पॉलिसियों को अपनी पसंद के इंश्योरेंस रिपॉजिटरी में एक साथ रख सकेंगे. बीमाधारक इसमें अपने सभी हेल्थ इंश्योरेंस, व्हीकल इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस सुरक्षित रख सकेंगे. इंश्योरेंस पॉलिसी की डिटेल डिजिटल होने से बैंक बीमा पॉलिसी के आधार पर आसानी से लोन दे सकेंगे. इरडा ने इंश्योरेंस क्लेम और अन्य सेवाओं के लिए बीमा सुगम डिजिटल प्लेटफॉर्म को मंजूरी दी है.
बीमा सुगम से बदलेगी तस्वीर
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण एक नए बीमा प्लेटफार्म ‘बीमा सुगम’ (Bima Sugam) पर कार्य कर रहा है. यह एक वन स्टॉप सॉल्यूशन होगा, जिसके माध्यम से लोग सभी कंपनियों के बीमा उत्पादों को एक ही जगह से ले पाएंगे. इसके लिए पहले ही सैंडबॉक्स में नियमों में संशोधन शुरू कर दिया गया है जो इनोवेशन में मदद करेगा. इससे उन स्टार्ट-अप्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जो नए समाधान लेकर आ रहे हैं. आईआरडीएआई के चेयरमैन देबाशीष पांडा का भी मानना है कि इस तरह की चीजों को आगे बढ़ाते हुए पैरामीट्रिक बीमा उत्पादों को लाने और ओपीडी सेवाओं को कवर करने की जरूरत है. देश में मौजूदा समय में स्वास्थ्य बीमा का बाजार करीब 60,000 करोड़ रुपये का है. अनुमान है कि आने वाले कुछ सालों में यह 30-35 फीसदी की दर से सालाना बढ़ेगा, जो पिछले पांच सालों में करीब 19 फीसदी सालाना की रही है.
डीमैट फॉर्मेट में बीमा के फायदे
– ई-इंश्योरेंस अकाउंट में पॉलिसीधारक को उनके सभी लाइफ, व्हीकल, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को देखने की सुविधा होगी. – ई-इंश्योरेंस अकाउंट में सभी प्रकार के इंश्योरेंस पॉलिसियों का ट्रांजैक्शन और दस्तावेज सहित अन्य जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध रहेगी. – इससे पॉलिसीधारक पॉलिसी शुरू होने की तारीख, मैच्योरिटी स्थिति, नामांकन, पता, नियम और शर्तों के बारे में जानकारी ले सकेंगे. – इंश्योरेंस पॉलिसीस बॉन्ड की फिजिकल कॉपी सुरक्षित रखने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. – बीमा का प्रीमियम पेमेंट सीधे बीमा कंपनी को ट्रांसफर किया जाएगा और धोखाधड़ी की आशंका काफी कम हो जाएगी.