अजब-गजब: वो महिला मुजरिम जिसे 35 साल पहले जेल में ठूंसकर भूल गई हुकूमत…
सन् 1986 में मारिया पियर्सन के ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने, पूर्व प्रेमी की नई-नई प्रेमिका को चाकू घोंपकर कत्ल कर डाला था. जिस वक्त उन्हें जेल में डाला गया तब वे 31 साल की थीं.
दुनिया की जेल चाहे जो भी हो मगर हर जेल में कैद मुजरिम का एक-एक दिन-तारीख का पुख्ता हिसाब-किताब जरूर रखा जाता है. अब तक हमने आपने यही सुना होगा. ब्रिटेन की एक जेल और वहां की हुकूमत ने तो एक ऐसा कारनामा जाने-अनजाने कर डाला जिसमें, 35 साल पहले हत्या की मुजरिम महिला को जेल में ठूंसने के बाद ब्रिटिश हुक्मरान उसे भूल ही गए. यह कहानी है मारिया पियर्सन नाम की महिला मुजरिम की. जिनके ऊपर पूर्व प्रेमी की गर्लफ्रेंड के कत्ल का आरोप लगा था.
गिरफ्तार करके उन्हें सन् 1986 में जेल में डाल दिया गया. अब बवाल तब आकर मचा जब अब 66 साल की हो चुकी इस महिला मुजरिम (Prisoner Maria Pearson) ने, 9वीं बार जेल से बाहर आने के लिए पैरोल दाखिल की. जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया गया.
प्रेमिका की चाकू घोंपकर हत्या
मतलब, बीते 35 साल से जेल में बंद कत्ल की मुजरिम महिला मारिया पियर्सन को, 35 साल बाद भी 66 साल की उम्र या कहिए इस बुढ़ापे में भी जेल की सलाखों के बाहर की हवा अब भी नहीं मिल सकेगी. सन् 1986 में मारिया पियर्सन के ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने, पूर्व प्रेमी की नई-नई प्रेमिका को चाकू घोंपकर कत्ल कर डाला था. जिस वक्त उन्हें जेल में डाला गया तब वे 31 साल की थीं. उस दौरान उन्हें कम से कम 12 साल लगातार जेल की सलाखों में कैद करके रखने के लिए भेज दिया गया था. तब की 31 साल की वही कत्ल की आरोपी मुजरिम लड़की, आज 66 साल की बुजुर्ग महिला बन चुकी हैं.
शेफ के चाकू से किया था हमला
35 साल पहले यानी सन् 1986 में पलटकर चलें तो पता चलता है कि, पूर्व प्रेमी की नई-नई गर्लफ्रेंड बनी लड़की की हत्या मारिया पियर्सन ने, शेफ के चाकू से हमला करके की थी. मारिया ने उसके बदन पर चाकू से 17 बार हमला किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे 23 साल की अतिरिक्त जेल की सजा सुनाई गई थी, मारिया के हाथों कत्ल कर डाली गई उसके पूर्व बॉयफ्रेंड की गर्लफ्रेंड का नाम जेनेट न्यूटन था. जिस दिन पियर्सन ने कत्ल की उस घटना को अंजाम दिया था, उससे दो दिन पूर्व ही उसके पूर्व प्रेमी की सगाई हुई थी. जिसकी नई-नई बनी गर्लफ्रेंड जेनेट न्यूटन का मारिया पियर्सन ने चाकूओं से हमला करके कत्ल कर दिया था.
पैरोल का आवेदन फिर अस्वीकार
ब्रिटिश मीडिया और डेली स्टारी की रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या की उस वारदात को अंजाम देने से पहले, मारिया पियर्सन ने अपनी शिकार (अपने पूर्व बॉयफ्रेंड की गर्लफ्रेंड जेनेट न्यूटन) का हार्टलेपूल इलाके में एक सड़क पर काफी दूर तक पीछा किया था. करीब पहुंचने पर उसने जेनेट को पहले पीछे से गाली देकर रोका. जब गाली सुनकर जेनेट न्यूटन ने पीछे की ओर (जिधर से पीछा करती हुई मारिया पियर्सन आ रही थी) देखा, वैसे ही चाकू से मारिया ने उसके ऊपर हमला कर दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. अब यह मुद्दा फिर से तब और इसलिए उछला है क्योंकि, मारिया पियर्सन ने 9वीं बार जेल से निकलने के लिए, पैरोल के वास्ते जो आवेदन किया था, उसे बोर्ड ने इस बार भी अस्वीकार कर दिया.
जेल की सलाखों में ही कैद रखना सही
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, पैरोल बोर्ड पैनल ने अपने फैसला में लिखा है कि, मारिया पियर्सन ने जिस तरह के अपराध को अंजाम दिया था, वो खतरनाक प्रकृति था. इसलिए तमाम सबूतों को ध्यान में रखते हुए अभी उसे आगे भी जेल की सलाखों में ही कैद रखना सही रहेगा. इसी के साथ बोर्ड ने उसकी पैरोल पर जेल से बाहर निकलने की संभावनाओं पर विराम लगा दिया. खबरों के मुताबिक, मारिया को अब से पहले दो बार खुली जेल में लाया गया था. मगर उसके इरादों को देखकर, हर बार उसे वापिस मेन जेल में ही भेजना पड़ गया था. पैरोल पैनल बोर्ड को बताया गया था कि, मारिया पियर्सन हत्या की वारदात को अंजाम देने के वक्त हिंसक थी. लिहाजा अब वो सुधर चुकी होगी. इसकी कोई गारंटी नहीं.
खुली जेल में स्थानांतरित
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारिया पर्सियन ने साल 2020 में जटिल व्यवहार संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए, समर्थन की पेशकश पर भी हस्ताक्षर किये थे. जिसके बाद तब एक बार यह निर्णय लिया गया था कि, उसे खुली जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है. लेकिन संभव नहीं हो सका. बात अगर मारिया पियर्सन द्वारा जेल पिंजरे में काम करने की हो तो उसने, बच्चों की दुनिया में सबसे खूंखार हत्यारिन मायरा हिंडले से अगर मारिया पर्सियन की तुलना करें तो, मारिया ने उससे अभी तक सिर्फ एक साल कम ही जेल में बिताया है.
मायरा हिंडले कौन थी?
यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि आखिर मायरा हिंडले कौन थी? दरअसल यह बच्चों के उन क्रूर हत्यारों की जोड़ी थी जिसने, जुलाई साल 1963 से अक्टूबर साल 1965 के बीच मैनचेस्टर इंग्लैंड और उसके आस-पास 5 बच्चों को कत्ल कर डाला था. महिला कातिल मायरा हिंडले के साथ उन जघन्य हत्याकांड में इयान ब्रैडी भी बराबर का साझीदार था. इन दोनों ने मिलकर पॉलीन रीडे, जॉन किलब्राइड, कीथ बेनेट, लेस्ली एन डाउनी और एडवर्ड इवांस, जिनकी उम्र 10 से 17 के बीच थी, जिनमें से कम से कम चार का यौन उत्पीड़न किया गया था.
ब्रैडी और हिंडले से पूछताछ
पीड़ितों में से दो के शव साल 1965 में सैडलवर्थ मूर पर खोदी गई कब्रों में मिले थे. ब्रैडी और हिंडले से पूछताछ के करीब 20 साल साल 1987 में एक तीसरी कब्र मिली थी. हालांकि बच्चों की हत्यारी इस जोड़ी को किलब्राइड, डाउनी और इवांस की हत्याओं के लिए हो दोषी ठहराया जा सका था. इन्हें उम्रकैद की सजा दी गई थी. 1985 में ब्रैडी द्वारा रीडे और बेनेट की हत्याओं को कबूल करने के बाद जांच को फिर से खोल दिया गया था. इन अतिरिक्त हत्याओं को कबूल करने के बाद, कब्रों की खोज में सहायता के लिए ब्रैडी और हिंडले को अलग से सैडलवर्थ मूर ले जाया गया.
ब्रिटेन की सबसे दुष्ट महिला
ब्रिटिश प्रेस ने उन दिनों हिंडले को “ब्रिटेन की सबसे दुष्ट महिला” के रूप में लिखा था. हिंडले ने अपनी उम्रकैद की सजा के खिलाफ कई अपीलें कीं. उसने दावा किया कि वह एक सुधर चुकी महिला है. जो अब समाज के लिए कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसे कभी रिहा नहीं किया गया. 36 साल जेल में बिताने के बाद साल 2002 में 60 साल की उम्र में वेस्ट सफोक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई.