हाय हमारी भी सुन लो! 10 दिन तक गिड़गिड़ाता रहा पाकिस्तान, IMF फिर भी दिखा गया ठेंगा
IMF का डेलिगेशन पिछले हफ्ते इस्लामाबाद आया था और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के सामने ऐसी शर्तें रखी थीं, जो पाक के लिए 'कल्पना' से भी ज्यादा थी.
कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है. IMF से साथ उसकी बातचीत एक बार फिर किसी निर्णायक समझौते पर नहीं पहुंच पाई. हालांकि पाकिस्तान के वित्त सचिव ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही यह डील हो जाएगी. पाकिस्तान इस समय दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है. इसी वजह से पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है.
पाकिस्तान के वित्त सचिव हामिद शेख ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ‘शर्तों को लेकर आईएमएफ के साथ पहले ही एक समझौता किया जा चुका है.’ हालांकि उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ प्वाइंट पर बात होनी बाकी है. हालांकि 10 दिन की बातचीत के बाद आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल आज वापस चला जाएगा. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बुरी हालत में है और वह कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है.
महीनों से अटकी पड़ी है किश्त
आईएमएफ ने पाकिस्तान को बेलआउट के लिए कर्ज की जो किश्त देने का भरोसा जताया था, उसे भी रोक रखा है. इस वजह से पाकिस्तानी सरकार को अपने करीबी देशों से मदद मांगने को मजबूर हो गया है. IMF पाकिस्तान मिशन चीफ नाथन पोर्टर ने एक बयान में कहा, आने वाले दिनों में भी वर्चुअल तरीके से चर्चा होगी.
वादे तो कर देता है लेकिन अमल नहीं करता
उन्होंने कहा कि घरेलू और बाहरी अंसतुलन को खत्म करने के लिए नीतिगत उपायों पर पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ बातचीत में काफी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए आधिकारिक भागीदारों से मिलने वाले वित्तीय समर्थन के साथ-साथ पाकिस्तान को नीतियों का समय पर और निर्णायक कार्यान्वयन करना बहुत महत्वपूर्ण है.