पाकिस्तान के कटोरे में IMF ने नहीं डाला फंड, अब जनता पर चलेगा 17 हजार करोड़ का चाबुक

पाकिस्तान के कटोरे में IMF ने नहीं डाला फंड, अब जनता पर चलेगा 17 हजार करोड़ का चाबुक

पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. अब वह जनता से अधिक टैक्स वसूलने जा रहा है ताकि राजकोषीय घाटे को कम कर सके. इसका मकसद यह है कि आईएमएफ से लोग लिया जा सके.

पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है और कंगाली की कगार पर पहुंच चुका है. डॉलर 271 रुपए पार कर गया है. वह कटोरा लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने हाथ फैला रहा है, जहां से उसे फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिली है. इसके बाद भी वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कहा कि आईएमएफ से बातचीत “सकारात्मक” रही है. उन्होंने ऐलान किया है कि लोन लेने के लिए मिनी-बजट के जरिए से टैक्स लगाया जाएगा और यह 17 हजार करोड़ रुपए का होगा. यानी अब सरकार का खजाना भरने के लिए पाकिस्तान टैक्स लगाकर जनता का खून चूसेगी.

आर्थिक संकट इस कदर बढ़ा हुआ है कि पेट भरने के लिए हिंसक घटनाएं तक हुई हैं. चिकन के दाम 300 पाकिस्तानी रुपए से बढ़कर 700 पाकिस्तानी रुपए तक पहुंच गए. प्याज 215, गेहूं आटा 160, तेल 480-488, चावल 145, बींस 158.95, टमाटर 122, अंडे 400, मटन 1100 और देसी घी 1800-2500 रुपए तक है. सरकार के नए टैक्स के बाद इन सब चीजों के दाम फिर से बढ़ जाएंगे.

17 हजार करोड़ रुपए के नए टैक्स लगाए- इशाक डार

मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने पुष्टि की कि सरकार को IMF से आर्थिक और वित्तीय नीतियों के ज्ञापन (एमईएफपी) का मसौदा मिला है. पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आईएमएफ के साथ 10-दिन चली चर्चा में बिजली, गैस सेक्टर, राजकोषीय और मौद्रिक पक्ष को व्यापक रूप से शामिल किया गया था. उन्होंने कहा कि 17 हजार करोड़ रुपए के नए टैक्स लगाए जाएंगे और लोग लेने के लिए एनर्जी सेक्टर में सुधार लागू किए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सब्सिडी कम करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है.

साल 2019 में IMF ने दिया था 6 अरब डॉलर का कर्ज

वित्त मंत्री ने कहा कि आईएमएफ की ओर से सुझाए गए कुछ सुधार पाकिस्तान के पक्ष में हैं. सरकार पावर और गैस सेक्टर में सर्कुलर घाटे को रोकेगी. इससे पहले कहा गया कि पाकिस्तान और आईएमएफ की बाहरी वित्त पोषण अनुमानों और सटीक घरेलू राजकोषीय उपायों पर बात नहीं बनी. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को साल 2019 में आईएमएफ ने 6 अरब डॉलर का कर्ज दिया था, जिसे पिछले साल बढ़ाया गया और 7 अरब डॉलर किया गया.