हत्या की फिर तेजाब में घोली हजारों लाशें, 10 साल बाद अब जेल से बाहर आ रहा हैवान
मेक्सिको में एक सजायाफ्ता मुजरिम जल्द ही बाहर आने वाला है, वह अपनी 10 साल की सजा पूरी भुगत चुका है. लेकिन यह कोई आम अपराध में जेल नहीं गया था बल्कि यह अनगिनत लोगों की जान लेने के बाद गया था.
मेक्सिको सिटी. मेक्सिको देशमें एक खबर को लेकर कोहराम मचा हुआ है. खबर है कि वहां हजारों लाशों को तेजाब में डुबोकर हमेशा हमेशा के लिए गायब कर देने के मामले में सजायाफ्ता मुजरिम, 11 साल बाद अब जेल से बाहर आ रहा है. क्योंकि उसे उसके अपराध के लिए जो सजा सुनाई गई थी वो पूरी हो चुकी है. ऐसे में अब सजा काट लेने के बाद उसे सलाखों में कोई बंद करके नहीं रख सकता है. आरोपी को सन् 2012 में कोर्ट द्वारा सजा मुकर्रर की गई थी. यह सजा 10 साल की थी. जो अब पूरी होने वाली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कदर का खूंखार अपराधी, सन् 2009 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल सलाखों से बाहर निकलने की खबर भर से समाज में दहशत फैला देने वाला खतरनाक सजायाफ्ता मुजरिम का नाम सैंटियागो मेजा लोपेज (Santiago Meza Lopez) है जिसे मेक्सिको के लोग एक दूसरे नाम से भी जानते हैं. वो दूसरा नाम है पोजोलेरो या द स्टीवमेकर. सन् 2009 में गिरफ्तारी के बाद जब लोपेज से पूछताछ की गई तब उसने खुद कबूला था कि, वो अपने जीवन में कितने लोगों को कत्ल करके उनकी लाशें तेजाब में डुबोकर हमेशा हमेशा के लिए गायब कर चुका है, इसकी सही-सही गिनती तो उसे भी याद नहीं है. हां, उसके द्वारा गायब की गई लाशों की संख्या सैकड़ों और हजारों में भी हो सकती है. इस जघन्य अपराध में उसने सिनालोआ कार्टेल (Sinaloa Cartel) की मदद की थी.
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द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टीवमेकर को पहली बार सन् 2009 में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद चली लंबी कानूनी लड़ाई में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी. कत्ल किए गए लोगों की लाशों को गायब करने के लिए यह अपराधी दूसरे अपराधी सिनालोआ कार्टेल के साथ मिलकर, बैरल एसिड का इस्तेमाल किया करता था. मुजरिम ने कबूला था कि उसने मेक्सिको के तिचुआना में ही कम से कम 10 स्थानों पर इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया था. इन 10 जगहों के अलावा उसने अमेरिकी सीमा पर स्थित चिनकस कूप फार्म में भी लाशों को तेजाब में डुबोकर गायब कर दिया था. यह रुह कंपा देने वाला अपराध उसने कितने साल अंजाम दिया? इस सवाल का जवाब उसके पास भी नहीं था. इस काम के बारे में किसी को कानो कान भनक न लगे इसके लिए उसने, एक विशेष किस्म का नाला बनाया था. जिसमें तेजाब में डुबोकर जला डाली गई लाश के अवशेष को बहाया जाता था.
गिरफ्तारी के वक्त आरोपी ने इंसानी हड्डियों के हजारों हिस्से बरामद कराए थे. जांच एजेंसियों का अनुमान था कि, घटनास्थल के चारों ओर, सामूहिक कब्रों में भी 600 से ज्यादा लोगों की लाशों के शायद कुछ अवशेष और भी छिपे मिल सकते हैं. अदालत में चली इस मामले की सुनवाई के दौरान पता चला था कि, सन् 1996 में लोपेज को एक खेत में काम करने के दौरान इस खतरनाक काम को चुना गया था. कुछ लोगो ने उसे बैरल में पानी और एसिड मिलाकर छोड़ने की जिम्मेदारी दी थी. उन लोगों ने उस तेजाबी पानी में इंसान के पांव का एक कटा हुआ हिस्सा गिरा दिया था. और लोपेज को हिदायत दी थी कि, उस पैर के हिस्से को तेजाबी पानी में जलकर नष्ट होने तक वह उसकी निगरानी करेगा. उस दिन के बाद लोपेज के सिर पर इंसान को कत्ल करके मानो तेजाब में लाशों को गायब करने की सनक सी सवार हो गई थी.
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