किसी ने नहीं चुकाया किराया तो कहीं काम बंद, कंगाल पाकिस्तान के दूतावास भी बेहाल
खर्च कम करने के लिए कुछ दूतावासों को बंद करने और वहां नियुक्त कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाने की सिफारिश की गई है
पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली समिति ने विदेशों में देश के दूतावासों की संख्या को कम करने की सिफारिश की है. सूत्रों के मुताबिक, पीएम हाउस ने इस मामले में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर दो हफ्तों के अंदर अपने सुझाव (योजना) भेजने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक समिति ने विदेशों में पाकिस्तान के दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों की संख्या में कटौती करने की सिफारिश की है, जिसके बाद इन देश के खर्च में 15 फीसदी की कमी आएगी.
पत्र में खर्च कम करने के लिए कुछ दूतावासों को बंद करने और वहां नियुक्त कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाने की सिफारिश की गई है. वर्तमान में, दुनिया भर में पाकिस्तान के कुल 113 दूतावास और वाणिज्य दूतावास हैं. गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय पहले से ही आधी वर्क फोर्स के साथ काम कर रहा है. विदेश मंत्रालय में आर्थिक संकट के बारे में रिपोर्ट के अनुसार, विदेश में दूतावासों को धन की कमी हो गई है, राजनयिक कामों में बाधा आ रही है और राजनयिकों को अधर में छोड़ दिया गया है. राजनयिकों को विदेश में अपने आवास का किराया नहीं चुकाने के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि धन की अनुपलब्धता के कारण अधिकांश दूतावासों ने काम करना बंद कर दिया है.
कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
उन्होंने कहा कि अमेरिकी और यूरोपीय दूतावासों में तैनात पासपोर्ट कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दिया गया है. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनयिक दूतावास के भुगतान में देरी एक सिस्टम की वजह से हुई. यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में दूतावास उन समस्याओं की फिर से जांच करेंगे जो बताई गई थीं.